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कोरोना वायरस के बदलते वैरिएंट से, डॉक्टरों ने दी बचाव की सलाह

कोरोना वायरस का डर पिछले दो साल से पुरे देश में फैला हुआ हैं। इस साल इस वायरस के नए  वेरिएंट ओमिक्रोण में लगातार बदलाव हो रहा है। पहली व दूसरी लहर में 80 फीसदी नमूनों में एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच में कोविड की तस्दीक होती थी। जबकि इस बार 80 फीसदी रिपोर्ट निगेटिव आ रही है।Omicron variant से बचाव में भारत गलती तो नहीं कर रहा है? - Is India making  a mistake in dealing the Omicron variant threat new covid 19 virus mutantमाना जा रहा है कि मौजूदा वेरिएंट एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच को चकमा दे रहे है। ज्यादातर संदिग्ध संक्रमितों की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। जिसने विशेषज्ञों को सोचने पर मज़बूर कर दिया हैं। विशेषज्ञ इस बात से भी चिंतित हैं कि अगर मौजूदा किट से जांच हुई तो कहीं रूप बदल रहा ओमीक्रोन भी चकमा देने में सफल न हो जाए। इससे संक्रमण के प्रसार का खतरा और अधिक बढ़ सकता हैं। विशेषज्ञों द्वारा बताया गया है कि मरीजों को एक बार चेस्ट का सिटी स्कैन करा लेना चाहिए। चेस्ट का सीटी स्कैन कराने से कोविड का पता आसानी से चल जाता है। स्कैन में फेफड़े में ग्राउंड ग्लासिंग (सफेद निमोनिया के पैच) दिखने लगते हैं, जो इस बात की तरफ इशारा करते हैं कोविड का संक्रमण है।विशेषज्ञों ने आगे यह भी बताया हैं कि ऐसे मरीज जिनको थोड़ा भी कोरोना का लक्षण दिखे खुद में तो वे  बिल्कुल भी  लापरवाही  न बरतें। जरा सी लापरवाही से मरीजों की जान जा सकती है। सबसे अधिक खतरा तो शुगर और बीपी के मरीजों को है। इसलिए अगर रिपोर्ट निगेटिव भी आ जाती है तो वह कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का पालन कर इलाज जरूर कराएं।

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