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गोपालगंज में कोरोना को मात देने को निकले दादा-दादी के नुस्खे, रसोई घर बना दवाखाना

कोरोना वायरस को मात देने को एक बार फिर देशी फॉर्मूले को अपनाया जा रहा है. इसी कड़ी में दादा-दादी के नुस्खे प्रयोग में लाये जाने लगे हैं. एक बार फिर किचेन दरवाखाना बन गया है. मसाले का प्रयोग दवाइयों की तरह होने लगा है. लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को सुबह की शुरुआत तुलसी वाली चाय से कर रहे हैं. शाम को हल्दी मिला दूध लोगों को इस बात की संतुष्टि दे रहा है कि वह वायरस के संक्रमण से प्रभावित नहीं होंगे. रसोई घरों में लौंग, जावित्री, तेज पत्ते का प्रयोग बढ़ा है.

आयुर्वेद को मानने वाले भी इस फॉर्मूले को उचित मान रहे हैं. तेजपत्ते की तासीर जुकाम भगाने वाली मानी जाती है. लौंग की चाय में इस्तेमाल रोगों से लड़ने की ताकत देता है. आमतौर पर जुकाम होने पर तुलसी की चाय पी जाती थी. कुछ लोग तुलसी वाले लिक्विड का प्रयोग कर रहे हैं. बिहार के गोपालगंज जिले में रहने वाले बुजुर्ग सेवानिवृत्त हेडमास्टर नागेंद्र श्रीवास्तव बताते हैं कि वह खुद तुलसी का इस्तेमाल करते थे. अब पूरे घर के लोगों को करा रहे हैं.

वहीं, पूर्व विधायक राम अवतार साह बताते हैं कि वह तुलसी की चाय के अलावा गिलोय के काढ़े का इस्तेमाल कर रहे हैं. ताजी सब्जियों के साथ लोग शाम को सूप में लौंग, जावित्री और तेजपत्ता डालकर पी रहे हैं. कोरोना वायरस में इस देशी नुस्खों को लोग आज भी प्रासंगिक बता रहे हैं. संजय सिंह कहते हैं कि वह तो कई साल से रात में हल्दी मिला दूध पीकर इम्युनिटी पावर बढ़ाने को इस्तेमाल करते हैं.

घरों में सुबह-शाम जल रहा कपूर
घरों में सुबह लोग सुगंधित धूप के साथ शुरुआत करते हैं. कपूर को निगेटिव ऊर्जा दूर भगाने का बेहतर उपाय बताते हैं. शिव मंदिर के पुजारी पंडित सच्चिदानंद बताते हैं कि यज्ञ में तमाम औषधियों का इस्तेमाल होता है. उससे भी वायरस मरता है. इसके साथ ही घरों में अगर खाली कपूर भी जलाया जाये तो उसका फायदा मिलेगा. निगेटिव एलर्जी भागेगी, वातावरण शुद्ध होता है. सभी लोगों को इसका प्रयोग करना चाहिए.

ठंड में कम हो गया तुलसी का पौधा
इस बार कड़ाके की ठंड की वजह से तुलसी के अधिकतर पौधे सूख गये. तुलसी की खेती करनेवाले किसान भी मायूस हैं. मंदिर व मठों के आसपास लगाये गये तुलसी के पौधे भी कम नजर आ रहे हैं.

कोरोना से डरो ना : डॉ रामप्रवेश सिंह
गोपालगंज शहर के प्रमुख शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ रामप्रवेश सिंह ने कहा है कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है. कहीं जाते हैं तो मास्क लगाकर ही बाहर निकलें. नमस्ते करें, हाथ न मिलाएं. हाथों को बार-बार धोते रहें, साबुन से हाथ धो सकते हैं. जरूरी काम नहीं है, तो घर से बाहर निकलने से बचें, पर घबराएं नहीं. सभी लोगों को मास्क पहनने की जरूरत नहीं है, मास्क उन्हें पहनने हैं जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हैं. मौसम बदलने से सर्दी-बुखार है, लेकिन यह कोरोना के लक्षण नहीं हैं.

Source: Prabhat Khabar

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