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#MUZAFFARPUR : सुधा’र की आव’श्यकता हेतु व्यव’स्थाओं को आलो’चनात्मक दृष्टिकोण से देखना जरुरी : डॉ. चंद्रशेखर सिंह

MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर जिला समाहरणालय सभागार में जिला पदाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई. बैठक का विषय “कोरो’ना सं’कट के दौर में मीडिया की भूमिका एवं मीडिया पर इसका प्रभा’व” था. मौके पर वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने-अपने उ’द्गार व्यक्त किये और जिले में कोरो’ना संक’ट के साथ ही एई’एस, बा’ढ़, चुनाव जैसे चुनौ’तीपूर्ण काल में मीडिया की जि’म्मेदारीपूर्ण भूमि’का और उनके कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला. मौके पर जिलाधिकारी संग वरिष्ठ पत्रकारों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्व’लित कर बैठक का शुभारंभ किया.

जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह को बुके प्रदा’न कर उन्हें सम्मा’नित भी किया गया.  इस दौरान जिलाधिकारी महोदय से प्रेस क्लब को पुनर्जी’वित करने और पुस्तकालय युक्त करने की मां’ग पर जिलाधिकारी महोदय ने इसका निराकरण जल्द से जल्द करने का आश्वासन उपस्थित मीडियकर्मियों को दिया और कोरो’ना काल के दौरान कर्त’व्यों का निर्व’हन करते हुए अपनी जा’न गं’वाने वाले पत्रकारों के लिए 2 मिनट का मौ’न रखा गया.

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने पत्रकार बंधुओं को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि-समाज के उत्थान और देश के विकास व नवनिर्माण में पत्रकारिता की अहम भूमिका है. को’विड-19 नियं’त्रण हो या ए’ईएस, बा’ढ़ हो या चुनाव, सभी मौकों पर पत्रकारों ने अपनी मह’त्वपूर्ण भूमिका नि’भाते हुए जन-जाग’रूकता फ़ै’लाने में बेहतर सामं’जस्य निभाते हुए जिला प्रशासन का पूर्ण सहयोग किया है, और उनका योगदान सराहनीय है. मीडिया का सहयोग आवश्यक है, इससे हमें फी’डबैक भी मिलता है. चुनाव के दौरान भी मीडिया के सहयो’गात्मक कार्यशैली के कारण ही कोरो’ना काल के बावजूद जिले में अच्छा मतदान प्रतिशत हा’सिल किया जा सका.
कोरो’ना काल में लॉ’क डाउन लागू करना और सुनिश्चित कराना एक चुनौ’तीपूर्ण कार्य था, पर मीडिया के सहयोग से यह अच्छी तरह सं’भव हो सका. अं’तिम दिनों तक जिले को कोरो’ना के संक्र’मण से मु’क्त रखने का पूरा प्रयास किया गया. शहर में ट्रेनों द्वारा बाहर से आने वाले लोगों की भी’ड़ को नियं’त्रित करना, उनकी जां’च, क्वैरे’न्टाइन सेंटरों तक पहुँचाना, उनकी दे’ख-रेख और प्रशा’सनिक व्य’वस्था, अस्प’तालों की व्यव’स्था, को’विड सेंटरों की व्यव’स्था करना भी किसी चुनौ’ती से कम नहीं थी, पर इस दौरान प्रशासन को मीडिया का पूरा सह’योग मिला और यह कार्य भी पूरी तरह संभ’व हो सका.
राज्य सरकार के साथ ही जिला प्रशासन भी पत्रकारों के हि’त के लिए सदैव प्रतिब’द्ध है. उन्होंने कहा की पत्रकारिता ने हमेशा समाज को ज’गाने और शि’क्षित करने में अहम योगदा’न दिया है. आप सभी से अपे’क्षा है कि अपने कार्यों से हमेशा समाज को नई सा’र्थक दिशा देते रहें. सूचनाओं का आदान प्रदान नि’र्बाध गति से होता रहे, और पूरी तरह से प्रशासनिक प’क्ष और त’थ्य मीडिया तक पहुँच सके इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह प्रया’सरत है. कोरो’ना काल के दौरान कई पत्रकार भी इसकी चपे’ट में आये, कई पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई, बावजूद पत्रकारों ने अपनी जा’न जो’खिम में डाल कर अपने कर्तव्यों का नि’र्वहन करते रहे तथा बहा’दुरी से अपना कार्य निष्पा’दित किया.
जिलाधिकारी ने लोकतं’त्र के सजग प्र’हरी के रूप में का’र्यरत सभी ऊर्जावान, सक्रिय व समाज की उन्न’ति में अहम योगदान देने वाले पत्रकार बंधु’ओं के कार्यों की सराहना करते हुए कहा की व्यव’स्थाओं को आलो’चनात्मक दृष्टिकोण से भी देखना जरुरी है, ताकि सुधा’र की आव’श्यकता बनी रहती है. क’मियां दिखाना भी जरुरी है, ताकि हर प’हलु दिखे. प्रशासन के लिए मीडिया एक फीडबैक का काम करती है जिससे जनहि’त में और बेहतर करने का प्रया’स किया जा सके और इसके लिए हम बाध्य रहें.
अपनी खबरों से समाज को नई दि’शा प्रदान करने वाले, लोकतंत्र के चौथे स्तं’भ को एक आलोचक और सज’ग प्रह’री के रूप में ही मीडिया की भूमिका है. बैठक के दौरान जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी कमल सिंह समेत सभी प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और डिजिटल मीडिया के प्रेस प्रतिनिधिगण उपस्थित थे.

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रेस दिवस 

देश में राष्ट्रीय प्रेस दिवस बड़े ही धूमधा’म से मनाया जाता है. जानकारी के अनुसार बता दें कि भारत देश में मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता हैै. वहीं इसकी शुरूआत तो आदि का’ल से ही हो गई थी. यहां बता दें कि देवर्षि नारद को पत्रकारिता का मुख्य जनक माना जाता है, क्योंकि नारद जी ने ही भगवानों को सं’चार के इस माध्यम से अवगत कराया था. वहीं देश में प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय प्रेस दिवस 16 नवम्बर को मनाया जाता है. यह दिन भारत में एक स्वतंत्र और जि’म्मेदार प्रेस की मौजूदगी का प्र’तीक है. बता दें कि विश्व में आज लगभग 50 देशों में प्रेस परिषद या मीडिया परिषद है. भारत में प्रेस को ‘वा’चडॉग’ एवं प्रेस परिषद इंडिया को ‘मोरल वाचडॉग’ कहा गया है.
राष्ट्रीय प्रेस दिवस, प्रेस की स्वतंत्रता एवं जि’म्मेदारियों की ओर हमारा ध्यान आ’कृष्ट करता है.यहां बता दें कि इसकी शुरुआत प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतं’त्रता की रक्षा एवं पत्रका’रिता में उच्च आदर्श का’यम करने के उद्दे’श्य से एक प्रेस परिषद की क’ल्पना की थी. परिणाम स्वरूप 4 जुलाई, 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई, जिसने 16 नवम्बर, 1966 से अपना वि’धिवत कार्य शुरू किया. तब से लेकर आज तक प्रतिवर्ष 16 नवम्बर को ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. वहीं इसका उद्देश्य पत्रकारों को सश’क्त बनाने के उद्देश्य से स्वयं को फिर से सम’र्पित करने का अवसर प्रदा’न करना है.
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