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प्रशांत किशोर के मुद्दों से चिराग पासवान भी सहमत, बोले- धांधली हुई है, दोबारा परीक्षा ले BPSC

लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए परीक्षार्थियों की दोबारा परीक्षा लेने की मांग की है। बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार है जिसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। चिराग की पार्टी लोजपा-आर भी एनडीए का हिस्सा है। चिराग ने कहा है कि प्रशांत किशोर के तरीके और बयान को छोड़ दें तो प्रशांत किशोर के द्वारा उठा गए मुद्दों से उनकी सहमति है। चिराग पासवान ने राज्य सरकार से सुनिश्चित करने कहा है कि किसी परीक्षार्थी के साथ अन्याय ना हो।चिराग पासवान ने शुक्रवार को दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि हर किसी का बात रखने का अपना तरीका होता है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर जिस मुद्दे को लेकर अनशन पर थे, उस मुद्दे से वो भी सहमति रखते हैं। यह सुनिश्चित करना बिहार सरकार की जिम्मेदारी है कि बीपीएससी के छात्रों के साथ कोई अन्याय ना हो। पासवान ने कहा कि जिस तरीके से बीपीएससी द्वारा कुछ छात्रों की फिर से परीक्षा ली गई, वो गलत है। दो-दो परीक्षा में किसी ना किसी को अन्यथा फायदा मिलता है। ये गलत परंपरा की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री के सामने इस बात को उठाया है और मानते हैं कि किसी छात्र के साथ अन्याय ना हो, इसके लिए हमारी सरकार जरूर प्रयास करेगी।

बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप पर चिराग पासवान ने कहा- “जरूर हुई है धांधली। अगर नहीं हुई होती तो पुनर्परीक्षा क्यों होती। जिस सेंटर की परीक्षा फिर से हुई, उसे 22 केंद्र में बांटकर री-एग्जाम हुआ है। एक तरह से 22 सेंटर में धांधली हुई है। मेरे खुद के परिवार के बच्चों ने परीक्षा दी है। वो बताते हैं कि प्रश्न पत्र लेट मिला। कई जगह जितने परीक्षार्थी थे, उतने प्रश्न पत्र भी नहीं थे। उसको बाद में प्रिंट करवाकर मंगवाया गया।”

चिराग पसवान ने आगे कहा- “ये बात क्लीयरली गाइडलाइंस में मेंशन है कि कोई पेपर लीक होता है, सोशल मीडिया या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अगर पहले आ जाता है, जब परीक्षा चल रही हो, तो उसे रद्द करना चाहिए। और जो कि हुआ है। जब तक परीक्षा चल रही थी, तब तक एक्स अकाउंट, अलग-अलग व्हाट्सऐप ग्रुप पर पेपर लीक हुए हैं। बीपीएससी को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। सबसे पहले एक उच्चस्तरीय जांच करवानी चाहिए। जांच के बाद जो भी दोषी है, उस पर कार्रवाई करते हुए पुनः जितने भी बच्चे हैं, दोबारा परीक्षा करवानी चाहिए।”

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