मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल (30 दिसंबर) रात दिल्ली से पटना लौट चुके है. दिल्ली में नीतीश कुमार ने ना तो पीएम मोदी से मुलाकात की और ना ही बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से. राजद ने इस पर तंज कसते हुए कहा बीजेपी की तरफ से नीतीश कुमार को कोई भाव नहीं दिया गया. राजद नेताओं ने तो यहां तक दावा किया है कि बीजेपी आने वाले समय में जेडीयू को तोड़ देगी और नीतीश कुमार को कुर्सी से उतार देगी. वहीं इस पर पलटवार करते हुए जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि राजद अपनी चिंता करे, उसे नीतीश कुमार की और जेडीयू की चिंता करने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार ही रहने वाले हैं और उन्हीं के नेतृत्व में अगला विधानसभा चुनाव में लड़ा जाएगा. हालांकि, नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे को लेकर सियासी गलियारों में काफी चर्चा हो रही है. कहा जा रहा है कि वे बीजेपी से नाराज चल रहे हैं और इसी कारण से उन्होंने बीजेपी नेताओं से मुलाकात नहीं की. हालांकि, मुख्यमंत्री अपने हेल्थ चेकअप और दिवंगत पीएम मनमोहन सिंह के परिजनों से मिलने दिल्ली गए थे. बीजेपी नेताओं से मुलाकात का कोई प्लान इसमें शामिल नहीं था.
वहीं दूसरी ओर उनकी अनुपस्थिति में पटना में बीपीएससी के अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज हो गया. जिस पर अब सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस मुद्दे पर अपने भी खिलाफ खड़े हो गए हैं. एनडीए में शामिल केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बीपीएससी छात्रों का समर्थन किया है. चिराग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तुरंत इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की अपील की है. इसके साथ ही उन्होंने अभ्यर्थियों को राजनीतिक व्यक्तियों के बहकावे में आने से बचने की सलाह दी है. चिराग ने कहा कि हमारी पार्टी हर कदम पर युवाओं के साथ खड़ी है. कुछ राजनीतिक व्यक्ति और दल जो छात्रों को भटकाने का काम कर रहें है. उन्होंने कहा कि कल पटना में हुए छात्रों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल का मैं कभी समर्थक नहीं रहा.
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