पटना : बिहार चुनाव 2025 को लेकर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के एक बयान ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। भले ही बिहार में महागठबंधन का नेतृत्व लालू यादव की पार्टी आरजेडी कर रही हो, लेकिन पप्पू यादव ने दावा किया है कि बिहार में कांग्रेस बड़े भाई की भूमिका में है। कांग्रेस के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी। हर कीमत पर कांग्रेस ही बड़े भाई की भूमिका में रहेगी। हालांकि आरजेडी की भूमिका पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। आपको बता दें हाल ही में चार सीटों पर हुआ बिहार उपचुनाव भी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा था। जिसमें आरजेडी तीन और एक सीट पर भाकपा माले मैदान में उतरी थी। हालांकि चारों सीटों पर एनडीए की जीत हुई थी।
पप्पू यादव के इस बयान को प्रेशर पॉलिटिक्स के तौर पर देखा जा रहा है। पप्पू यादव ने आगे कहा कि क्षेत्रीय पार्टियों को बर्बाद करना बीजेपी की परंपरा रही है। बीजेपी का इतिहास उठाकर देख लीजिए। पहले चिराग, चंद्रबाबू नायडू, जगन मोहन रेड्डी और फिर महाराष्ट्र सबको भाजपा ने बर्बाद किया। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें सबक लेना चाहिए। किसी भी हालत में भाजपा उन्हें (जेडीयू) को नहीं छोड़ेगी, और खत्म करके मानेगी।
भले ही पप्पू यादव कांग्रेस को बिहार में महागठबंधन का बड़ा भाई बता रहे हो। लेकिन लोकसभा चुनाव में पप्पू यादव को महागठबंधन की किसी भी पार्टी से टिकट नहीं मिला था, फिर चाहे वो कांग्रेस हो, आरजेडी हो, जिसके बाद पप्पू यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, और पूर्णिया से सांसद चुने गए थे। हालांकि झारखंड के विधानसभा चुनाव में उन्होने महागठबंधन समेत कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार जरूर किया था।
उनके इस बयान ने आरजेडी की मुश्किलें थोड़ी जरूर बढ़ सकती हैं। क्योंकि महागठबंधन की ओर से सीएम का चेहरा तेजस्वी यादव हैं। जिसका जिक्र विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के चीफ मुकेश सहनी भी कर चुके हैं, और कह चुके है कि तेजस्वी नंबर की कुर्सी पर रहेंगे तो दूसरे नंबर पर वीआईपी रहेगी। हालांकि पप्पू यादव के इस बयान से कांग्रेस कितना इत्तेफाक रखती है, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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