पटना : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही जारी है। विधानसभा में आरक्षण के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सदन में 65 फीसदी का आरक्षण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ‘महागठबंधन की सरकार में आरक्षण 65 फीसदी आरक्षण दिया गया। अब भाजपा के लोगों ने कोर्ट जाकर इसे निरस्त करवा दिया। यह संदेह सीएम नीतीश कुमार, विजय चौधरी और मुझे पहले से था।’
इसके बाद सदन में सम्राट चौधरी और तेजस्वी आमने-सामने हो गए। सम्राट चौधरी ने कहा कि आपकी सरकार में फैसला नहीं लिया गया। नीतीश जी की सरकार थी। तेजस्वी यादव ने कहा- अभी आप जैसे हैं, उस वक्त हम वैसे ही थे। आप उपमुख्यमंत्री हैं और उसकी गरिमा में रहे हम तो आपको बस इतना ही कहेंगे।
विजय चौधरी जी यहां उपस्थित हैं आप सब लोगों को मालूम है कि हमारी सरकार जब 17 महीने हम लोग साथ में थे तो हम लोगों ने जाती आधारित गणना करवाई थी। यह गणना इसलिए करवाई गई थी क्योंकि राज्य सरकार जनगणना नहीं करवा सकती इसलिए हमने सर्वे करवाया था और इसी सर्वे के आधार पर हमने आरक्षण की सीमा 65% करने का फैसला किया था। इसमें पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, आदिवासी समाज सभी लोगों का हमने ध्यान रखा था। सवर्ण के लिए 10% आरक्षण पहले की तरह ही रखा। आज संविधान दिवस है और संविधान दिवस के मौके पर सरकार से यह अपेक्षा की जाएगी की इस मामले पर जवाब देने का काम करें। सरकार इस फैसले को वापस लाने के लिए क्या कदम उठा रही है?
इस बीच बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जवाब देने के लिए खड़े हो गए। सम्राट ने कहा कि पहली जानकारी यह दे दें कि आपकी सरकार नहीं थी। नीतीश कुमार की सरकार थी आप कौन थे? इसके बाद तेजस्वी यादव है कहा कि जैसे आप हैं ना वैसे ही हम थे अभी किसकी सरकार है भाजपा की सरकार नहीं है क्या? उसके बाद दूसरे उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिंह खड़े हुए और कहां के बिना आधार और प्रमाण के ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। उसके बाद तेजस्वी ने कहा बगल में बैठे हैं सम्राट चौधरी थी उनसे प्रमाण ले लीजिए? उसके बाद विजय कुमार सिन्हा ने कहा किया गैर संवैधानिक काम करते हैं बिना कोई प्रावधान के बिना कोई सबूत के बातें रखते हैं।
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