पटना : बिहार विधानसभा का पांच दिन का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हो गया है। पहले दिन उपचुनाव में जीते तीन विधायकों को शपथ दिलाने और सरकार द्वारा दूसरा अनुपूरक बजट पेश करने के बाद दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि देकर सदन स्थगित कर दिया गया। शुक्रवार तक चलने वाले सत्र में नीतीश कुमार की सरकार कई विधेयक पेश करने वाली है जिसमें बेतिया राज की जमीन पर एक बिल भी शामिल है।
दरअसल, शीतकालीन सत्र के पहले दिन उपचुनाव जीतकर आए अशोक सिंह, मनोरमा देवी और दीपा मांझी को सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई गई। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने राज्य का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया जिसके पास होने के बाद बिहार के बजट का आकार 3.50 लाख करोड़ से ऊपर चला जाएगा। स्पीकर नंद किशोर यादव ने सदन के दिवगंत पूर्व विधायकों के बारे में जानकारी दी और एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि देने के बाद सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
नीतीश सरकार शीत सत्र के बचे हुए चार दिन में सारे विधायी कार्य निपटाने की कोशिश करेगी। दूसरी तरफ विपक्ष संसद में वक्फ संशोधन बिल पेश करने की तैयारी समेत कानून-व्यवस्था, शराब से मौत, शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी जैसे मसलों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। सत्र की शुरुआत से पहले विधानसभा परिसर में लेफ्ट और विपक्षी विधायकों ने प्रदर्शन किया और मांग की है कि विधानसभा से केंद्र द्वारा लाए जाने वाले वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जाए।
इधर, सरकार के एजेंडे पर अब तक जो विधेयक है उसमें बेतिया राज की बेशकीमती जमीन को लेकर भी एक बिल है। इस विधेयक का मकसद बेतिया राज की जमीन का बेहतर प्रबंधन है। फिलहाल बेतिया राज की काफी जमीन पर अवैध कब्जा है। राजस्व पर्षद के अध्यक्ष और कड़क आईएएस अफसर केके पाठक ने बेतिया राज की जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए पांच अफसरों की ड्यूटी भी लगा रखी है। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक बेतिया राज की 60 फीसदी से अधिक जमीन पर अवैध कब्जा हो रखा है।
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