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सुल्तानगंज का नाम अजगैबीनाथ धाम बदलने को लेकर पहल शुरू, नगर परिषद ने पास किया प्रस्ताव

भागलपुर: बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज का नाम बदलने की दिशा में पहल तेज हो गयी है. सुल्तानगंज का नाम बदलकर अजगैबीनाथ धाम करने के प्रस्ताव को नगर परिषद ने पास किया है. वहीं इसको लेकर राज्य सरकार और नगर विकास विभाग को पत्राचार किया गया है. 2007 से यहां के मुख्य महंत, जूना अखाड़ा समिति, स्थानीय लोगों व पंडा समाज की मांग थी कि अति प्राचीन अजगैबीनाथ धाम के नाम से यह स्थान हो सरकारी कार्यलयों का, कागजातों का, रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अजगैबीनाथ धाम रखा जाए।

सुल्तानगंज रेलवे स्टेशन/sultanganj railway station(bihar) - YouTube

 

यह मांग इसलिए है कि सुल्तानगंज विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला, अजगैबीनाथ धाम और उत्तरवाहिनी गंगा के लिए प्रसिद्ध है. बताया जाता है कि पहले सुल्तानगंज हिरण्य पुरी या अजगैबीनाथ धाम के नाम से जाना जाता था. यहां बौद्ध विहार हुआ करते थे. मुगल शासकों ने इसका नाम बदलकर सुल्तानगंज किया था. वहीं नाम बदलने को लेकर अजगैबीनाथ मठ के महंत व नगर परिषद सुल्तानगंज के ब्रांड एंबेसडर महंत प्रेमानंद गिरी महाराज ने कहा कि यह बहुत बेहतर कार्य होगा. क्योंकि यह अजगैबीनाथ धाम है।

 

यहां मंदिर गंगा और मेला प्रसिद्ध है. पौराणिक स्थल है. इसका नाम बदल दिया जाए. 2007 से जूना अखाड़ा इसके लिए प्रयासरत था. लेकिन बात नहीं बन पा रही थी. नगर परिषद से मंजूरी मिली है चाहेंगे राज्य सरकार भी इसे मंजूरी दे. वहीं नगर परिषद के सभापति राजकुमार गुड्डू ने कहा कि वर्षों से बहुप्रतीक्षित मांग थी कि सुल्तानगंज का नाम बदलकर अजगैबीनाथ धाम किया जाए. नगर परिषद की बैठक में प्रस्ताव आया. 23 पार्षदों के समर्थन से प्रस्ताव पास हुआ. इसको लेकर लोगों में भी उत्साह है।

 

 

सुल्तानगंज में सावन के महीने में मेला लगता है जो विश्व प्रसिद्ध है. सावन महीने में प्रत्येक सोमवार समेत हर दिन लाखों श्रद्धालु उत्तरवाहिनी गंगा में डुबकी लगाकर जल लेकर बाबा अजगैबीनाथ धाम मंदिर में पूजा अर्चना कर कांवर में जल लेकर 105 किलोमीटर की दूरी पैदल यात्रा कर बैधनाथ धाम जाते हैं और बाबा बैजनाथ को जल अर्पित करते हैं. अजगैबीनाथ मंदिर का काफी पुराना है।

 

 

 

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