पटना: जिस दिन से भोजपुरी के अभिनेता पवन सिंह ने काराकाट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है, उसके बाद से ही काराकाट इलाके का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. साथ ही पूरे बिहार में काराकाट सीट अचानक चर्चा में आ गई है. बता दें कि काराकाट लोकसभा क्षेत्र से एनडीए के उपेंद्र कुशवाहा तथा इंडिया गठबंधन के राजा राम सिंह मैदान में हैं. ऐसे में पवन सिंह की एंट्री से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. इसी दौरान पवन सिंह के बेहद करीबी भाजपा के सांसद मनोज तिवारी ने कहा है कि वह पवन सिंह को मनाने की कोशिश करेंगे, क्योंकि पवन सिंह राष्ट्रवादी व्यक्ति हैं और वर्तमान में रास्ता भटक गए हैं. उन्हें जल्द ही समझा बुझाकर मना लिया जाएगा।
बता दें कि मंगलवार 23 अप्रैल से पवन सिंह कमर कस के मैदान में उतर गए हैं. उन्होंने काराकाट के सभी विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया. इसके बाद काराकाट संसदीय सीट का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. लगातार दोनों पक्षों के दिग्गज नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. ऐसे में अब भाजपा के दिग्गज नेता माने जाने वाले भोजपुरी फिल्मों के गायक तथा अभिनेता रह चुके मनोज तिवारी ने इस मामले में एंट्री ली है. उन्होंने कहा कि पवन सिंह राष्ट्रवादी आदमी है और वह उनसे बात करेंगे।
अभिनेता से सांसद बने मनोज तिवारी ने कहा है कि पवन सिंह उनके छोटे भाई की तरह हैं और वर्षों से उन दोनों में काफी बेहतर संबंध हैं. वह पवन सिंह को मनाने की कोशिश करेंगे और उन्हें उम्मीद है कि पवन सिंह उनकी बात को नहीं टालेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि पवन सिंह शुद्ध राष्ट्रवादी आदमी हैं और उनका व्यक्तित्व राष्ट्रवादी रहा है. फिलहाल वे थोड़े से रास्ता से अलग हुए हैं, लेकिन उन्हें जल्द से जल्द मना लिया जाएगा. सांसद मनोज तिवारी के इस बयान के बाद पवन सिंह के काराकाट से चुनाव लड़ने के दावा पर चर्चा शुरू हो गई है.
भोजपुरी के पावर स्टार कहे जाने वाले पवन सिंह ने मनोज तिवारी के इस यू टर्न लेने से संबंधित बयान के बारे में कहा है कि मनोज तिवारी उनके बड़े भाई की तरह हैं. इंडस्ट्री के उनका सहयोग उन्हें हमेशा मिलता रहा है. लेकिन पिछले लंबे समय से वे मनोज तिवारी से संपर्क में नहीं हैं और काफी दिनो से दोनों की बातचीत भी फिलहाल नहीं हुई है. जहां तक काराकाट से चुनाव लड़ने की बात है तो उन्होंने अपनी मां को वचन दिया है और ऐसे में मां के वचन के समक्ष अन्य कोई बात सामने नहीं आ सकती. पवन सिंह ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा है कि उनकी मां ने काराकाट की जनता की सेवा के लिए उन्हें सौंपा है. ऐसे में पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।
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