पटना: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि डिप्टी सीएम और पांच विभागों के मंत्री रहने के बावजूद जो तेजस्वी यादव 90 प्रतिशत फेल रहे, उन्हें लालू प्रसाद बिहार का मुख्यमंत्री बनाने के लिए जोड़-तोड़ करते रहे। सुशील मोदी ने कहा कि सत्ता से हटने के 45 दिन बाद तेजस्वी यादव का यह आकलन सही है कि वे केवल 10 फीसद काम कर पाए। इसके लिए गठबंधन-धर्म पर ठीकरा फोड़ने की जरूरत नहीं, बल्कि उनकी क्षमता ही इतनी है। पिछली सरकार में राजद के तीन मंत्रियों को हटाना पड़ा था। तेजस्वी यादव बताएं कि सुधाकर सिंह किसके इशारे पर मुख्यमंत्री के विरुद्ध बयान देकर गठबंधन-धर्म की अवहेलना कर रहे थे?
उन्होंने कहा कि राजद कोटे के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर विभागीय सचिव से लड़ते रहे, चार महीने कार्यालय नहीं गए और रामचरित मानस पर टिप्पणी कर द्वेष फैलाते रहे। क्या यही गठबंधन-धर्म था, जो तेजस्वी यादव को काम करने से रोक रहा था? वे बताएं कि 1.22 लाख शिक्षकों को नौकरी देने में उनके दल और शिक्षा मंत्री का क्या रोल था? राज्य सरकार की नियुक्तियां मुख्यमंत्री के नीतिगत निर्णय से होती हैं, लेकिन तेजस्वी यादव सारा श्रेय अकेले लूटना चाहते थे।
सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव स्वास्थ्य सहित पांच विभागों के मंत्री रहे। इन विभागों में कितनी रिक्तियां भरी गईं? 17 महीनों के दौरान कितने लोगों को नौकरी दी गई, उसका विभागवार विवरण जारी करें। यदि तेजस्वी यादव गठबंधन धर्म की सीमा के कारण बेहतर काम नहीं कर पाए, तो बताएं कि उनके माता-पिता भी 15 साल के शासन में विकास का कोई काम क्यों नहीं कर पाए? राजद जनता के लिए 10 फीसद काम और परिवार की सम्पत्ति बढाने के लिए 90 फीसद राजनीति करने वाला दल है।
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