पटना: बिहार में विश्वविद्यालयों के क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने राज्य के सभी कुलपतियों की शनिवार को बैठक बुलाई।
हालांकि, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की ओर से यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों के इस बैठक में शामिल होने पर रोक लगा दी। इस कारण कोई भी वीसी बुधवार को केके पाठक की बैठक में नहीं पहुंचे। इसके बाद विभाग ने यह बैठक रद्द कर दी। हालांकि, केके पाठक अपने रुख पर अड़े हुए हैं, उन्होंने फिर से 15 मार्च को यह बैठक बुला दी है। माना जा रहा है कि अगर अगली बैठक से भी कुलपति नहीं आते हैं तो उनके खिलाफ विभाग कड़ा एक्शन ले सकता है।
दरअसल, यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच लंबे समय से टकराव हो रहा है। पिछले महीने विभाग ने लंबित परिक्षाओं को लेकर सभी विश्विविद्यायों के कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रकों की बैठक बुलाई थी। मगर राजभवन की ओर से वीसी एवं अन्य पदाधिकारियों को इस बैठक में जाने की अनुमति नहीं मिली। 28 फरवरी को हुई इस मीटिंग में एक भी वीसी शामिल नहीं हुए। इसके बाद शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेज दिया और उनकी सैलरी रोक दी।
इसके बाद विभाग ने 2 फरवरी को सभी वीसी का ट्रेनिंग प्रोग्राम भी आयोजित किया। इसमें भी विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों के जाने पर राजभवन ने रोक लगा दी। नतीजतन एक भी वीसी या पदाधिकारी ने इस ट्रेनिंग में हिस्सा नहीं लिया, इसके बाद विभाग ने यह कार्यक्रम रद्द कर दिया।
Be First to Comment