पटना: बिहार की सत्ता में बीजेपी की वापसी के बाद अब यहां भी ‘योगी मॉडल’ लागू होने वाला है, मतलब अब बिहार में भी बुलडोजर दहाड़ने वाला है। बिहार में मठ-मंदिरों की जमीन पर अतिक्रमण को जल्द ही हटाने का काम शुरू होगा। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने विधानसभा में इसका ऐलान कर दिया है। सम्राट चौधरी ने विधानसभा में कहा कि अपंजीकृत मंदिरों या मठों की भूमि पर किसी भी तरह के अतिक्रमण का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण चल रहा है। सम्राट ने साफ कहा कि सर्वेक्षण पूरा होने के बाद तीन महीने के भीतर मंदिरों-मठों की भूमि पर से अतिक्रमण हटा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि राज्य में अपंजीकृत या पंजीकृत मंदिरों और मठों से संबंधित भूमि सहित उनकी अचल संपत्तियों की कोई बिक्री-खरीद न हो सके। बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) जिला प्रशासन से यह सुनिश्चित करने के लिए कहता रहता है कि अपंजीकृत मंदिरों या मठों को प्राथमिकता के आधार पर पंजीकृत किया जाए। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बीएसबीआरटी के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार राज्य में लगभग 2512 अपंजीकृत मंदिर या मठ हैं और उनके पास 4321.64 एकड़ से अधिक भूमि है। राज्य में पंजीकृत मंदिरों की कुल संख्या लगभग 2499 है और उनके पास 18,456 एकड़ से अधिक भूमि है।
इससे पहले दरभंगा में बुलडोजर की दहाड़ सुनने की मिली थी. दरभंगा शहर के डीएमसीएच अस्पताल परिसर के अंदर देर रात सड़क किनारे अतिक्रमण पर प्रशासन का बुलडोजर चला था। डीएमसीएच परिसर के अंदर अतिक्रमण हटाने के लिए जैसे ही बुलडोजर पहुंचा था, ज्यादातर लोग अपनी दुकानों से सामान निकालकर मौके से भाग गए थे. इस दौरान अंचल अधिकारी इंद्रासन साह ने बताया कि पिछले महीने ही इस अतिक्रमण को हटवाया था. इसकी सूची बनाकर थाने भी भेजी गई थी. उन्होंने कहा था कि उच्च न्यायलय के आदेश के अनुसार एक बार अतिक्रमण हटाए जाने के बाद अगर अतिक्रमण होता है तो स्थानीय थाना इसका जिम्मेदार होगा।
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