पटना: भारतीय इतिहास और महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राह में योगदान से जुड़ी स्मृतियों को बापू टावर में सहेजा गया है। यह टावर छात्र-छात्राओं के अलावा आधुनिक भारत के इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए काफी उपयोगी होगा। क्योंकि इसमें क्रमवध घटनाओं को प्रदर्शित किया गया है। यह टावर भवन निर्माण विभाग द्वारा गर्दनीबाग में बनाया गया है। चार फरवरी को सीएम नीतीश कुमार बापू टावर का उद्घाटन करने वाले हैं। प्रमंडलीय आयुक्त सह भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने शुक्रवार को निरीक्षण किया।
आयुक्त ने बताया कि बापू टावर का परिसर सात एकड़ में है। टावर को 10 हजार 503 वर्गमीटर में ही बनाया गया है। परियोजना का शिलान्यास सीएम नीतीश कुमार ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह पर दो अक्टूबर 2018 को किया था। महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं, गांधीजी के विचार, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका, बिहार से लगाव, बापू के आदर्शों को आमजन में स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों आदि की यहां उत्कृष्ट प्रदर्शनी रहेगी।
बापू टावर में प्रेक्षागृह, प्रतीक्षा कक्ष, लाउंज, प्रशासनिक कार्यालय, बापू के आदर्शों को आम लोगों में स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों के प्रदर्शन के लिए दीर्घा, अनुसंधान केन्द्र, आगंतुक सुविधाएं, ओरिएंटेशन हॉल बनाया गया है। भू-तल पर 60 व्यक्तियों की क्षमता वाला ओरिएंटेशन हॉल है। पंचम तल से भूतल निरंतर जाने वाली रैम्पों पर रैम्प है। रैम्प-1 में गांधीजी का बिहार आगमन, चंपारण सत्याग्रह एवं बिहार में सामाजिक विकास के कार्य का प्रदर्शन किया गया है। रैम्प-2 में द्वितीय विश्वयुद्ध एवं उसका भारतवर्ष पर प्रभाव, भारत छोड़ो आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन में बिहार की भागीदारी इत्यादि का प्रदर्शन है।
1946 के चुनाव एवं अंतरिम सरकार, कलकत्ता अशांति, बिहार में विभिन्न अवसरों पर गांधी जी के कार्यों को प्रदर्शित किया गया है। रैम्प-4 में बिहार में गांधी जी, प्रार्थना सभा में गांधी जी, लॉर्ड माउंटबेटन के साथ गांधी जी की मुलाकात, कश्मीर एवं कलकत्ता यात्रा आदि को दिखाया जाएगा। दर्शकों या पर्यटकों के लिए 228 वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। भूतल पर शंकु आकार एवं आयताकार भवन का आगंतुक लॉबी है। प्रत्येक तल पर दोनों भवनों को जोड़ने वाला मार्ग है।
द्वितीय तल दोनों भवनों को जोड़ने वाले मार्ग के दोनों ओर खुली छत रहेगी। 100 केडब्ल्यूपी क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र रहेगा। परिसर में 135 दो पहिया वाहन, 87 कार एवं छह बस के लिए पार्किंग, विभिन्न वाटिका, पैदल एवं वाहन हेतु अलग-अलग प्रवेश द्वार रहेगा। इसके अलावा टिकट घर भी बनाया गया है।
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