मकर संक्रांति का त्योहार नजदीक है. ऐसे में बाजार इस समय तील और गुड़ की खुशबू से सज और महक रहा है. इस दिन चूड़ा-दही के साथ तिलकुट खाना लोग खूब पसंद करते हैं. यही वजह है कि बाजार में तरह-तरह के तिलकुट सज कर तैयार है। मकर संक्रांति का बाजार हर जगह सज चुका है. रांची के बाजारों में तिलकुट के साथ तिल के लड्डू और अन्य चीजों की डिमांड बढ़ गई है।
गुड़ के तिलकुट की खुशबू के साथ बाजार खुशनुमा हो गया है और मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. झारखंड और बिहार में तिलकुट की डिमांड सबसे अधिक रहती है और लोग यहां मकर संक्रांति पूरे धूमधाम से मनाते हैं. इस बार भी दुकानदारों ने तिलकुट भरपूर मात्रा में बनाया है और उसके साथ ही रेवड़ी, चूड़ा और गुड़ की भी बिक्री हो रही है. कोई गुड़ वाले तिलकुट को खाना पसंद करता है तो कोई चीनी वाला तिलकुट।
दुकानदारों का कहना है कि सबसे ज्यादा मकर संक्रांति में लोग तिलकुट पसंद करते हैं. वह भी गुड़ के तिलकुट की डिमांड सबसे ज्यादा रहती है. लेकिन उनके पास चीनी के तिलकुट, खोए के तिलकुट और गुड़ के लड्डू भी भरपूर मात्रा में है. तो वहीं खरीदार भी पूरी तरह से खुश हैं कि हर साल की तरह इस साल भी बाजार गुलजार है और पूजा में चढ़ने वाले तिल के लड्डू और घर के लिए गुड़ के तिलकुट लोग खरीद रहे हैं. मकर संक्रांति में लोग तिलकुट के साथ दही चूड़े का भी उठाते हैं।
बिहार झारखंड के लोगों में दही-चूड़ा की लोकप्रियता कुछ ज्यादा है. मकर संक्रांति के दिन ये लोग दही चूड़ा नहीं खाए ऐसा हो नहीं सकता है. बता दें कि, दही-चूड़ा का एक धार्मिक महत्व भी है और इसका हेल्थ पर भी काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है. हालांकि कई लोग दही चूड़ा को रोजाना अपने ब्रेकफास्ट में भी खाते हैं. यह एक स्वादिष्ट भोजन है. साथ ही दही चिवड़ा (चूड़ा) का सेवन सेहत को भी कई लाभ पहुंचाता है.
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