पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई है। और कहा कि अगर केंद्र स्पेशल स्टेट का दर्जा नहीं देता है तो वो आंदोलन करेंगे। जिस पर बीजेपी सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने निशाना साधा है। और कहा कि ये घिसा-पिटा मुद्दा है। जब चुनाव नजदीक आते हैं। तो नीतीश कुमार को विशेष राज्य का दर्जा याद आ जाता है।
सुशील मोदी ने कहा कि 14 वें वित्त आयोग ने ‘विशेष राज्य’ की अवधारणा को ही अमान्य कर दिया है और अब किसी राज्य को विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता और न ही बीते 10 सालों में किसी राज्य को विशेष दर्जा दिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी बिहार को विशेष आर्थिक पैकेज देकर विशेष दर्जा से कई गुणा अधिक मदद कर रहे हैं। नीतीश कुमार की पहल पर कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जो रघुरामराजन कमेटी गठित कराई थी, उसने भी ‘विशेष राज्य’ की मांग को खारिज कर दिया था। जब नीतीश विरोधी खेमे में रहते हैं और चुनाव पास आते हैं तो विशेष दर्जे की मांग पर राजनीति शुरू कर देते हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि जब नीतीश कुमार और लालू प्रसाद केंद्र सरकार में ताकतवर मंत्री रहे, तब इन लोगों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवाया ? उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ से अधिक राशि खर्च कर बिहार में जो आधा दर्जन से ज्यादा मेगा ब्रिज और 4-लेन,6- लेन सड़कों का नेटवर्क तैयार हो रहा है, वह क्या केंद्रीय मदद नहीं है। बिहार में जो भी बड़ा ढांचागत विकास हुआ, वह विशेष आर्थिक पैकेज और केंद्र की सहायता से संभव हुआ। इससे बिहार के हजारों परिवारों को रोजगार मिला।
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