16 मई, दिन गुरुवार, साल 2013 को क्रिकेट की दुनिया तब सकते में आ गई थी जब आईपीएल में स्पॉट फ़िक्सिंग के गंभीर आरोप के मामले में राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों को गिरफ्तार किया गया.
इनमें एस. श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंडीला शामिल थे. मामला कितना गर्म था इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि तब बीसीसीआई के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने थोड़ी देर पहले एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके बताया था कि बीसीसीआई दिल्ली पुलिस को इस मामले में हरसंभव मदद करेगी. इसके बाद तीनों खिलाड़ियों को बीसीसीआई ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. तीन दिन बाद बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने यह भी कहा कि सट्टेबाज़ी पर रोक लगाना बीसीसीआई के वश की बात नहीं है, क्योंकि उसके पास पुलिस जैसी शक्तियाँ नहीं हैं. यह आईपीएल का छठा संस्करण था.
इसी बीच ये ख़बर भी आई कि श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजित चंडीला ने स्पॉट फिक्सिंग के मामले में कथित तौर पर अपना अपराध स्वीकार कर लिया है.
रणजी टीम में वापसी
इसके बाद की कहानी लम्बी है लेकिन संक्षेप में कहें तो एस. श्रीसंत का क्रिकेट जीवन लगभग बर्बाद हो गया. बीसीसीआई ने उन पर आजीवन पाबंदी लगा दी.
तब तक श्रीसंत भारत के लिए 27 टेस्ट मैच, 53 एकदिवसीय और 10 टी-20 मैच खेल चुके थे. उनके खाते में 87 टेस्ट, 75 एकदिवसीय और सात टी-20 विकेट थे.
उन्हीं एस. श्रीसंत पर लगी हुई आजीवन पाबंदी पिछले साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने हटा दी. ये पाबंदी इस साल सितंबर में समाप्त हो जाएगी.
श्रीसंत के लिए इन सबके बीच ख़ुशी की ख़बर तब आई जब केरल क्रिकेट संघ ने बीते बुधवार को कहा कि वो 37 वर्षीय तेज़ गेंदबाज़ श्रीसंत के नाम का विचार रणजी टीम में चयन के लिए कर सकती है.
केरल रणजी टीम के नवनियुक्त कोच टीनू योहानन ने भी कहा कि उनके नाम पर विचार किया जाएगा, लेकिन टीम में वापसी करने के लिए उन्हें अपनी फ़िटनेस साबित करनी होगी. अब सवाल उठता है कि क्या 37 साल की उम्र में एक तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर उनकी वापसी संभव है. इसके अलावा कुछ सवाल उनके व्यक्तित्व को लेकर भी हैं.
केरल क्रिकेट संघ
इन तमाम सवालों के जवाब के लिए हमने क्रिकेट समीक्षक अयाज़ मेमन से बातचीत की तो उनका मानना है कि यह तो केरल क्रिकेट संघ पर है कि वह उनका चयन करता है या नहीं लेकिन अब इसमें क़ानूनी अड़चन नही है. श्रीसंत को फ़िटनेस तो साबित करनी ही होगी.
मैच या स्पॉट फिक्सिंग में खिलाड़ियों पर लगने वाले आरोप और भारत में क़ानून को लेकर अयाज़ मेनन कहते हैं, “यहां भारत में विदेशों की तरह मुक़दमे नहीं हो सकते. विदेश में अगर एक आम आदमी को भी लगता है उसने अगर मैच देखने के लिए पैसे देकर टिकट ख़रीदा है और कुछ बेइमानी हुई है तो वह केस कर सकता है, खिलाड़ियों को भी कड़ी सज़ा मिलती है. उदाहरण के लिए इंग्लैंड में स्टिंग ऑपरेशन से पाकिस्तान के मोहम्मद आमिर या दानिश कनेरिया के मामले में क्या हुआ सब जानते हैं. भारत में स्पॉट फ़िक्सिंग के मामलों में इतनी क़ानूनी सख़्ती नहीं है. जिस तरह से विदेशों में तहक़ीक़ात या जाँच होती है, वैसी भारत में नहीं होती.”
एस. श्रीसंत के मामले में एक पेंच ये भी है कि सुप्रीम कोर्ट ने तो उन पर लगी आजीवन पाबंदी हटा दी लेकिन ये भी कहा कि इस फ़ैसले का दिल्ली हाई कोर्ट मे लंबित आपराधिक मामले पर कोई असर नहीं होगा.
आजीवन प्रतिबंध का फ़ैसला
हाई कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने निचली अदालत के फ़ैसले को चुनौती दी थी. इसे लेकर अयाज़ मेमन कहते हैं, “अक्सर ऐसे केस में होता है. कई बार कमज़ोर सबूत होने से भी केस कमज़ोर हो जाता है. श्रीसंत के केस में भी ऐसा हुआ जब केरल हाई कोर्ट ने जो महसूस किया उसे सुप्रीम कोर्ट ने नहीं माना. यह बात ग़ौर करने लायक़ है कि केरल हाई कोर्ट ने श्रीसंत पर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को बरक़रार रखा था.”
वैसे श्रीसंत जितने शानदार गेंदबाज़ रहे उससे अधिक वह तुनकमिजाज़ भी रहे. विवादों से उनका चोली दामन का साथ रहा है. उनके साथ हरभजन सिंह थप्पड़ कांड से लेकर दक्षिण अफ्रीकी तेज़ गेंदबाज़ आंद्रे नेल की गेंद पर छक्का मारने के बाद पिच पर बल्ला हिला-हिलाकर नाचना, होटल में ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न से भिड़ना या फिर इंग्लैड के बल्लेबाज़ केविन पीटरसन पर बीमर फेंकना.
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इन तमाम सवालों का जवाब एक सूत्र में पिरोकर अयाज़ मेमन कहते हैं, “उनका व्यक्तितव एक गर्म मिज़ाज खिलाड़ी का रहा है. जब भी श्रीसंत से मिला हूं, वो सुलझे हुए लगे लेकिन मैदान पर आकर वह आक्रामक हो जाते थे. आजकल की क्रिकेट में अपनी आक्रामकता को नियंत्रण में रखना बहुत ज़रूरी है. इसके अभाव में मामला हाथ से निकल जाता है जिसका भारी हर्जाना भुगतना पड़ता है. हरभजन सिंह के साथ थप्पड़ और दूसरे मामलों में उनकी बेहद आलोचना हुई, उन्हें माफ़ी भी मांगनी पड़ी. वह थोड़े बिंदास हैं लेकिन कई बार बहुत दुख भी होता था कि इतना शानदार और प्रतिभाशाली तेज़ गेंदबाज़ जिनका आउट स्विंग इतना स्वभाविक था और मैच जिताने की क्षमता वाले खिलाड़ी थे, वो ऐसे विवादों में आ गए कि उनका क्रिकेट जीवन ही दांव पर लग गया. श्रीसंत में कम से कम साठ-सत्तर टेस्ट मैच खेलने की क्षमता थी.”
क्रिकेट करियर
यहां ये जानना दिलचस्प है कि श्रीसंत ने साल 2014 में एक डांस रियलिटी शो ‘झलक दिखला जा’ में भी हिस्सा लिया. एक बार बीबीसी से ख़ास बातचीत में उन्होंने कहा था कि डांस का शौक़ उन्हें बचपन से ही था, लेकिन क्रिकेट को करियर बनाने के बाद डांस उनसे छूट गया था. श्रीसंत ने उसी दौरान अपनी गर्लफ़्रेंड भुवनेश्वरी कुमारी से शादी भी की. वो राजस्थान के एक पूर्व राज परिवार से ताल्लुक़ रखती हैं.
श्रीसंत ने फ़िल्मों में भी हाथ आज़माया और तमिल और तेलुगू में बनी एक फ़िल्म में भी संगीत दिया. यह सब कितने सिरे चढ़ा इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं है.
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