पटना: बिहार में जातीय गणना रिपोर्ट के खिलाफ सियासत चरम पर है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार द्वारा कराए गए जातीय गणना के आंकड़ों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। बीजेपी, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के अलावा जदयू के नेता सुनील कुमार पिंटू भी आंकड़ों में गड़बड़ी की बात कर चुके हैं। इस बीच उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलजेडी ने सड़क पर उतरने की तैयारी कर ली है। आज शनिवार को पार्टी की ओर से पटना गांधी मैदान से राज भवन मार्च निकाला जाएगा।
मार्च का नेतृत्व आरएलजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा स्वयं करेंगे। इसकी सफलता के लिए पटना और आसपास के इलाकों में पिछले कई दिनों से सघन जनसंपर्क अभियान भी चलाया गया। उपेंद्र कुशवाहा इसी बहाने अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। उनका दावा है कि जातीय गणना के आंकड़ों में गड़बड़ी की गई है। उन्होंने बताया था कि खुद उनके घर कोई सरकारी कर्मी नहीं पहुंचे और फर्जी तरीके से तैयार आंकड़े जारी कर दिए गए। उन्होंने कई जातियों की आबादी को घटाने का आरोप लगाया।
उपेंद्र कुशवाहा द्वारा राज भवन मार्च की घोषणा पहले ही कर दी गई थी। इससे पूर्व लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर 11 अक्टूबर को उनकी पार्टी ने राज्य भर में प्रदर्शन किया। सभी जिलों के मुख्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने धरना दिया और जिलाधिकारी के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा। इसके माध्यम से पार्टी ने राज्य सरकार से मांग किया कि जातीय गणना की रिपोर्ट में आई विसंगतियों को अविलंब सुधारा जाए। देखना अहम होगा कि कुशवाहा के आंदोलन का नीतीश पर कितना असर होता है।
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