पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और जमुई से सांसद चिराग पासवान ने एक बार फिर दोहराया है कि बिहार में करवाई गई जातिगत गणना रिपोर्ट के आंकड़े गलत हैं। चिराग ने कहा, मैं और मेरी पार्टी शुरू से जाति आधारित जनगणना के पक्ष में थी, लेकिन जो उम्मीद थी इस गणना से वो पूरी नहीं हुई। गलत आकड़े दिए गए हैं। इस पूरी कवायद में 500 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं, लेकिन उसका फायदा नहीं हुआ।
चिराग ने आरोप लगाया कि उनके पैतृक गांव खगड़िया जिले के शहरबन्नी में सर्वे टीम गई ही नहीं और उनसे उनकी जाति पूछी ही नहीं. चिराग ने कहा कहा जिन जातियों से चुनाव में फायदा होगा उनकी संख्या सर्वे रिपोर्ट में बढ़ा दी गई है. सर्वे में जिनकी जितनी संख्या हैं उनकी उतनी हिस्सेदारी होनी चाहिए और उसी के अनुसार सीएम को इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि उनकी संख्या बहुत कम हैं।
इसके साथ ही चिराग ने मांग की कि अतिपिछड़ा समाज से किसी को सीएम बनाया जाए। चिराग ने कहा, बिहार में अतिपिछड़ा की संख्या सबसे अधिक है इस कारण अतिपिछड़ा समाज का ही मुख्यमंत्री होना चाहिए। चिराग ने यह भी कहा कि बिहार में कम से कम किसी मुसलमान को उपमुख्यमंत्री बनाना चाहिए, क्योंकि सर्वे के अनुसार, उनकी संख्या भी बहुत ज्यादा हैं।
चिराग पासवान ने कहा कि बिहार जैसे गरीब राज्य में इस पूरी कवायद में 500 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए हैं, लेकिन उसका विशेष लाभ बिहारवासियों को नहीं हुआ। चिराग ने अन्य कई ऐसे राज्यों को जाति आधारित गणना करवाने को लेकर चेताते हुए कहा है कि उन्हें देखना चाहिए कि बिहार की जनता को इसका क्या लाभ हुआ है।
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