Press "Enter" to skip to content

आज नहाय-खाय के साथ जितिया व्रत शुरू, कल माताएं रखेंगी पुत्र के लिए उपवास

माता के द्वारा पुत्र के दीर्घायु के लिए रखे जाने वाले जितिया पर्व नहाय-खाय के साथ गुरुवार को प्रारंभ हो गया। व्रती महिलाओं ने आज पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कर व्रत की विधि वत शुरुआत की। जानकारी के अनुसार जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत का बड़ा महत्व है। इस व्रत को माताएं अपने संतान की लंबी आयु, उन्नति, सुखी और स्वस्थ जीवन के लिए रखती हैं। संतान की मंगल कामना के लिए जितिया व्रत में माताएं कठोर निर्जला व्रत रखती हैं, जिसकी शुरुआत नहाय खाय से होती है। जितिया व्रत के नियम तीन दिनों तक चलते हैं। पहले दिन नहाय खाय होता है, इसके अगले दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और फिर तीसरे दिन व्रत का पारण किया जाता है। जितिया व्रत में जीमूतवाहन की पूजा की जाती है।

Jitiya Vrat 2023 date shubh muhurta and significance

जितिया व्रत पूजा- विधि-

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें
  • स्नान आदि करने के बाद सूर्य नारायण की प्रतिमा को स्नान कराएं।
  • धूप, दीप आदि से आरती करें और इसके बाद भोग लगाएं।
  • मिट्टी और गाय के गोबर से चील व सियारिन की मूर्ति बनाएं।
  • कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें।
  • विधि- विधान से पूजा करें और व्रत की कथा अवश्य सुनें।
  • व्रत पारण के बाद दान जरूर करें।

इन बातों का रखें ध्यान-

  • इस व्रत को रखने से पहले नोनी का साग खाने की भी परंपरा है। कहते हैं कि नोनी के साग में कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में होता है। जिसके कारण व्रती के शरीर को पोषक तत्वों की कमी नहीं होती है।
  • इस व्रत के पारण के बाद महिलाएं जितिया का लाल रंग का धागा गले में पहनती हैं। व्रती महिलाएं जितिया का लॉकेट भी धारण करती हैं।
  • पूजा के दौरान सरसों का तेल और खल चढ़ाया जाता है। व्रत पारण के बाद यह तेल बच्चों के सिर पर आशीर्वाद के तौर पर लगाते हैं।

Share This Article

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *