बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सह बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बिहार की नीतीश सरकार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कभी भी बिहार के साथ भेदभाव नहीं किया गया और उत्तर प्रदेश के बाद किसी राज्य को सबसे अधिक केद्रीय सहायता मिली है तो वो है बिहार. केंद्रीय सहायता देने में पीएम मोदी द्वारा कभी भी बिहार के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया गया है. सुशील मोदी ने सूबे की नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय सहायता की बची राशि पर ब्याज लौटाने में बिहार की सरकार द्वारा महीनों देरी की गई. उन्होंने कहा कि शराबबंदी से 7000 करोड़ की राजस्व हानि हुई है लेकिन नीतीश सरकार द्वारा उसकी भरपाई नहीं की गई. सुशील मोदी ने कहा कि सिंगल नोडल अकाउंट और सहायता शर्तें सभी राज्यों के लिए सामान है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं की शेष बची सहायती राशि पर ब्याज के 4000 करोड़ रुपये केंद्र को लौटाने में बिहार सरकार ने पांच महीने से ज्यादा देर की, इसलिए उसे नये वित्तीय वर्ष के लिए सहायता पाने में कठिनाई हुई. वित्तीय प्रबंधन की अपनी विफलता को छिपाने के लिए सरकार भेद-भाव का आरोप लगती है. सुशील मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक केंद्रीय सहायता बिहार को मिलती है, इसलिए भेद-भाव का कोई प्रश्न ही नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि भेदभाव होता तो केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के रूप में राज्य को 42000 करोड़ रुपये कैसे मिल गए?
शराबबंदी कानून से हुई हानि की नहीं की भरपाई
सुशील मोदी ने कहा कि पूर्ण मद्यनिषेध लागू होने से बिहार को सालाना 7000 करोड़ की राजस्व हानि उठानी पड़ रही है, लेकिन सरकार इसकी भरपायी का कोई प्रबंध नहीं कर पायी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं के लिए दी गई सहायता राशि के उपयोग पर नजर रखने के लिए सिंगल नोडल अकाउंट की व्यवस्था सभी राज्यों के लिए लागू है, केवल बिहार के लिए नहीं.
सुशील मोदी ने कहा कि केंद्रीय सहायता की जो राशि खर्च नहीं हो पायी, उस पर व्याज की राशि केंद्र को चुकाये बिना अगले वित्तीय वर्ष की सहायता राशि नहीं मिलती. यह शर्त भाजपा शासित राज्यों पर भी लागू है. इसमें कोई भेदभाव नहीं।
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