पटना: देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. आम चुनावों को लेकर सभी दलों ने अपनी-अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इस बार नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने के लिए उनकी पार्टी जेडीयू उन्हें चुनावी अखाड़े में उतारने में तैयारी कर रही है। अगर ऐसा होता है तो नीतीश पूरे 20 साल बाद लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले उन्होंने 2004 में लोकसभा चुनाव लड़ा था। उस वक्त नीतीश ने बाढ़ और नालंदा दो सीटों से चुनाव लड़ा था, जिसमें बाढ़ में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जबकि नालंदा से जीतकर संसद पहुंचे थे।
अब पार्टी उन्हें एक बार फिर से लोकसभा चुनाव लड़वाने की कोशिश कर रही है. चर्चा तो ये भी है कि जेडीयू इस बार नीतीश को यूपी की किसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़वा सकती है. पार्टी की ओर से यूपी में नीतीश कुमार के लिए सुरक्षित सीट खोजी जा रही है. दरअसल, पीएम मोदी को टक्कर देने के लिए नीतीश कुमार को यूपी से चुनाव लड़वाने का विचार किया जा रहा है. जेडीयू का मानना है कि नीतीश कुमार की छवि राष्ट्रीय नेता की बनाने के लिए उन्हें बिहार से बाहर निकलना होगा।
दूसरी ओर बिहार में सिर्फ लोकसभा की 40 सीटें हैं. इसमें भी महागठबंधन की भीड़ में जेडीयू को ज्यादा से ज्यादा 16 सीटों पर ही चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है. जेडीयू अच्छी तरह से जानती है कि सिर्फ 16 सीटें जीतकर नीतीश को प्रधानमंत्री नहीं बनाया जा सकता है. इसलिए पार्टी अब यूपी की तरफ रुख कर रही है. जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार के लिए यूपी की कुर्मी बहुल फूलपुर सीट की भी पहचान की गई है. इस सीट की खासियत यह भी है कि यहां से जवाहरलाल नेहरू से लेकर कांशीराम और वीपी सिंह तक चुनाव लड़ चुके हैं।
जदयू के यूपी प्रभारी और बिहार के मंत्री श्रवण कुमार ने भी नीतीश कुमार के यूपी से लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं. श्रवण कुमार ने हाल ही में कहा कि उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लोकसभा चुनाव लड़ने की मांग उठ रही है. यूपी के तमाम दलों ने भी इसकी मांग की है. उन्होंने कहा कि वे इसकी जानकारी मुख्यमंत्री को देंगे. लेकिन इस पर अंतिम फैसला उनको ही लेना है।
वहीं नीतीश कुमार के यूपी से लोकसभा चुनाव लड़ने पर बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार का जनाधार खिसक चुका है. वे चाहे यूपी के फूलपुर से लड़ें या अपने गृह जिला नालंदा से, दोनों ही जगहों से उनकी जमानत जब्त होगी. सुशील मोदी ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू ने बिहार की 40 में सिर्फ दो सीटें जीती थी. इनमें नालंदा सीट पर वह मात्र 8 हजार वोटों के अंतर से विजयी हुई थी. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार की जनता पर भरोसा नहीं रहा, इसलिए उत्तर प्रदेश में उनके लिए कोई सुरक्षित सीट खोजी जा रही है।
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