पटना: 2024 लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, राजनीति में नए-नए आयाम और नए-नए शब्द की एंट्री हो रही है। कुर्सी पाने के लिए कोई भी हथकंडा अपनाने को तैयार नेताओं के बीच एक नए शब्द पर बहस शुरू हुई है और वह शब्द है लोकलाज। मतलब यह कि अब लोकलाज पर राजनीति शुरू हो गई है। इसे लेकर जेडीयू और बीजेपी के नेता आमने-सामने हैं।
गुरुवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में लोकलाज वाले ललन सिंह के बयान को लेकर बीजेपी सांसद और बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष संजय जायसवाल ने निशाना साधा है। संजय जायसवाल ने कहा कि जदयू को लोकलाज जैसे विषय पर चर्चा करने का कोई हक नहीं है क्योंकि जिसके साथ यह पार्टी जीत कर सत्ता हासिल करती हैं उसी को छोड़ कर भाग जाती । यह काम जदयू का इतिहास बन गया है। उन्होंने याद दिलाया कि 2015 में महागठबंधन के साथ मिलकर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने चुनाव जीता और सरकार बनाई और समय मिलते ही उनको छोड़कर भाग गए। 2017 में महागठबंधन से अलग होकर नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाया था।
पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने याद दिलाया कि 2020 में जदयू ने एनडीए में शामिल होकर बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। इतना ही नहीं हमारे सहयोग से नीतीश कुमार की पार्टी की सरकार बनी और फिर हमें भी छोड़ कर भाग गए। अगर जदयू के नेताओं को लोकलाज की जरा भी चिंता होती तो बार-बार ऐसा नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में नीतीश कुमार क्या करेंगे, इस पर भी कुछ नहीं कहा जा सकता।
दरअसल दिल्ली सरकार से संबंधित बिल को लेकर गुरुवार को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने संसद में कहा कि जो आप लेकर आए हैं वह संघीय ढांचे पर आघात करने वाला है। वह लोकतंत्र के खिलाफ है। आपकी सरकार ने लोकतंत्र को समाप्त कर वाला काम किया है जो गलत है। ललन सिंह ने नसीहत दी कि लोकतंत्र, लोकलाज से चलता है। महाराष्ट्रा में एनसीपी में टूट के प्रकरण पर ललन सिंह ने कहा कि जिन पर पीएम एक दिन पहले 70 हजार करोड़ के घपले का आरोप लगा रहे थे वे सब एक दिन बाद धुलकर निर्दोष हो गए और बीजेपी के साथ आ गए।
इस पर बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने जदयू को इतिहास की याद दिला दी। कहा कि राजीव रंजन जी ने कहा था कि लोकलाज होनी चाहिए। राजीव रंजन जी लोकलाज तो आप मत ही बोलिए क्योंकि जिस चारा घोटाले को लेकर बिहार की जनता के सामने गए थे, आज चारा घोटाला करनेवालों के साथ आप बैठे हैं। फिर गठबंधन किए हैं। लोकलाज आपके मुंह से अच्छा नहीं लगता। अमित शाह के बयान पर सदन में बीजेपी नेताओं ने जमकर ताली बजाई।
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