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गंडक नदी के रौद्र रूप से कई गांवों पर खतरा, सरकार से मदद की गुहार लगा रहे ग्रामीण

बिहार: बिहार में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जिसके असर भी अब दिखने लगा है. बगहा में गंडक नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव के बाद शास्त्रीनगर के पास तेजी से कटाव जारी है. खेती वाली जमीन के बड़े भूभाग को नदी तेजी से अपने अंदर समाहित कर रही है. जिससे नदी के आसपास रहने वाले गांववाले सहमे हुए हैं. नदी के कटाव से दर्जनों एकड़ जमीन नदी में समा गई है. इससे गांव के किसानों में हाहाकार मचा है।

बगहा में गंडक नदी ने धारण किया रौद्र रूप; बांध पर कटाव से शहर के रिहायशी  इलाकों में तबाही का मंजर | Bihar News; Erosion on the dam caused  destruction in the

योगापट्टी के मंगलपुर परती टोला और सिसवा गाँव के समीप गंड़क नदी कहर बरपा रही है. दर्जनों एकड़ खेती योग्य जमीन गंड़क नदी ने अपने गर्भ में समाहित कर लिया है. खेतों में धान और गन्ना की फसल थी, सब नदी में समा गए हैं. गांव के किसानो में मायूसी छा गई है. नदी के समीप रहने वाले सुरक्षित ठिकाने की तलाश कर रहें हैं. गांव के लोगों का कहना है कि नदी के जलस्तर में कमी हुआ है और नदी कटाव करना शुरू कर दिया।

ग्रामीण वर्ष 2017 से तट निर्माण की मांग कर रहें है. हर साल नदी कई एकड़ खेती योग्य जमीन कटाव कर लेती है. नदी अब गांव के समीप आ गई है। जिससे ग्रामीणों भय और दहशत का माहौल बन गया है। शनिवार (8 जुलाई) सुबह से नदी रौद्र रूप में है और तेजी से कटाव कर रही है. ग्रामीण नदी के रौद्र रूप देख सहमे हुए हैं।

ग्रामीणों को सुरक्षित जगह जाने के लिए नाव की भी व्यवस्था नहीं है। ग्रामीण जल्द से जल्द सरकार से मदद की गुहार लगा रहें है. ग्रामीणों का कहना है की सरकार ने कटाव पीड़ितों के लिए आश्रय स्थली बनाया है, लेकिन उसमें भी लाइट और पानी की व्यवस्था नहीं है. बरसात पूर्व बाढ़ और कटाव पर प्रशासन की तैयारी की पोल खुल गई है. नदी के किनारे रहने वाले लोग दहशत में जीने को मजबूर है।

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