मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर में इन दिनों राजद नेता के अप’हरण मामले में सुर्खियों में चल रहे साहेबगंज के भाजपा विधायक राजू सिंह को एक और मामले में मिली राहत. पारू के अंचलाधिकारी के साथ मा’रपीट के मामले में साहेबगंज के भाजपा विधायक राजू सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. दरअसल विधायक राजू सिंह ने सीओ और कर्मचारी की पि’टाई और एससी-एसटी एक्ट में सरेंडर किया है. जहां विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है।
बता दें कि बीते दिनों साहेबगंज के भाजपा विधायक पर आरो’प लगा था कि उन्होंने अपने स्थानीय सीओ के साथ ‘गा’ली-गलौ’ज करते हुए मा’रपीट की थी और जाति सूचक शब्द कहकर गा’ली दी थी. ऐसे में सीओ और कर्मचारी ने उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज कराया. इस मामले में राजू सिंह ने सरेंडर किया है, हालांकि कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है।
राजू सिंह के वकील विनोद कुमार ने बताया कि दरअसल एससी-एसटी एक्ट का केस गलत था, जिस व्यक्ति ने आ’रोप लगाया था, वो एससी-एसटी कटेगरी में आता ही नहीं है. ऐसे में कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है. आपको बता दें कि विधायक राजू सिंह अभी राजद नेता अपहरण मामले में फरार चल रहे थे लेकिन हाईकोर्ट ने फिलहाल गिर’फ़्तारी पर रोक लगा दिया है. जिसके बाद आज वो अन्य मामले में सरेंडर करने पहुंचे. इस दौरान कोर्ट में भारी संख्या में उनके समर्थक भी मौजूद रहे।
मुजफ्फरपुर के राजद नेता तुलसी राय के अपहरण मामले में फरार चल रहे साहेबगंज के विधायक राजू सिंह आज कोर्ट पहुंचे. दरअसल सीओ के पिटाई और SC-ST एक्ट मामले में भाजपा विधायक राजू सिंह ने आज विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया.कोर्ट ने इस मामले में उन्हें जमानत दे दी है।
कोर्ट से मिली जमानत के बाद राजू सिंह ने कहा कि मुझे फंसाया गया है और इसके खिला’फ आगे न्यायालय के शरण में हम जाएंगे. स्थानीय पुलिस प्रशासन के द्वारा सरकार के इशारे पर मेरे खिलाफ कार्रवाई की गई है. उन्होंने ने कहा कि गलत के खिलाफ हमेशा आवाज उठाता रहूंगा चाहे इसके लिए जो भी हो हमने कानून के हद में रह कर अपना काम किया है और करता रहूंगा. विधायक राजू सिंह ने कहा कि हमें माननीय न्यायालय पर भरोसा है प्रशासन चाहे कुछ भी कर ले लेकिन अगर हम गलत नहीं है तो न्यायालय सब कुछ देखती है. सब कुछ ठीक होगा यह सारा खेल हमारे खिलाफ सरकार के इशारे पर हो रहा था।
आपको बता दें कि बीते दिनों राजू सिंह पर राजद नेता तुलसी राय के अपहरण का आरोप लगा, जिसके बाद पुलिस ने गिरफ़्तारी को लेकर कई जगहों पर छापेमारी की. इस मामले को लेकर बीजेपी विधायक फरार चल थे. उसके बाद कोर्ट ने कुर्की को लेकर इश्तेहार भी जारी कर दिया, जिसे पुलिस ने सभी आरोपियों के घर पर इश्तेहार चिपकाया था. हालांकि उच्च न्यायालय ने इस मामले में विधायक की गिरफ़्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. जिसके बाद पहली बार विधायक कैमरे के सामने आए।
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