मुजफ्फरपुर: भीषण गर्मी के कारण बच्चों के लीवर में संक्रमण हो रहा है। लीवर संक्रमित होने से बच्चे हेपेटाइटिस-ए का शिकार हो रहे हैं। एसकेएमसीएच व दूसरे निजी अस्पतालों में लगातार इस बीमारी से पी’ड़ित बच्चे पहुंच रहे हैं। एसकेएमसीएच के शिशु विभाग के एसो़ प्रोफेसर डॉ.जेपी मंडल ने बताया कि ओपीडी में रोज हेपेटाइटिस-ए के लक्षण वाले दस बच्चे पहुंचे रहे हैं। इनमें कई को भर्ती करना पड़ रहा है। हेपेटाइटिस-ए पीड़ित बच्चों को ठीक होने में 20 दिन लग रहा है। मुजफ्फरपुर में एसकेएमसीएच के अलावा केजरीवाल अस्पताल में भी हेपेटाइटिस-ए से पी’ड़ित बच्चे पहुंच रहे हैं।
अस्पताल के सहायक कार्यालय अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि गर्मी से लीवर संक्रमित बच्चों के आने की संख्या काफी बढ़ी है। डॉ.मंडल ने बताया कि पानी और खाने के संक्रमण से हेपेटाइटिस-ए की बीमारी हो रही है। गर्मी में बच्चे दूषित पानी पी रहे हैं। इसके अलावा गर्मी में देर तक रखा खाना खाने से लीवर में संक्रमण हो रहा है। इससे बचने के लिए छोटे बच्चों को उबाल कर, फिर छानकर पानी देना चाहिए।
क्या हैं हेपेटाइटिस-ए का लक्षण
थकान
उल्टी
पेट में दर्द
भूख नहीं लगना
बुखार
जिन्हें पहले से बीमारी, वह और भी परेशान
गैस्ट्रो के रवि केसरी और डॉ अमृतेश ने बताया कि गर्मी बढ़ने से जिन्हें पहले से लीवर की बीमारी है, उनकी परेशानी बढ़ गई है। लीवर संक्रमित रहने से खाना पचने में परेशानी होती है। इस समय जांडिस के मरीज भी बढ़े है। डॉ. केसरी ने बताया कि लीवर कमजोर होने से डायरिया की शिकायत बढ़ गई है। कई मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है।
गर्मी से किडनी के मरीजों की बढ़ी तकलीफ
गर्मी से किडनी मरीजों की भी तकलीफ बढ़ गई है। एसकेएमसीएच में नेफ्रो के डॉ धमेंद्र प्रसाद ने बताया कि गर्मी अधिक होने से किडनी के मरीज अधिक पानी पी रहे हैं, जिससे कई मरीजों को दो से तीन बार डायलिसिस करनी पड़ रही है। अस्पताल में डायलिसिस के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। सदर अस्पताल में भी गर्मी के कारण डायलिसिस मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
सदर अस्पताल में बना अलग वार्ड
भीषण गर्मी को देखते हुए सदर अस्पताल में एक अलग वार्ड बनाया गया है। इसकी जानकारी सीएस डॉ यूसी शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि एमसीएच में बने कोविड वार्ड को ही हीट वेव के मरीजों के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इस वार्ड में डॉक्टर और नर्स की भी तैनाती कर दी गई है। उन्होंने बताया कि अब तक लू से किसी की मौ’त की सूचना नहीं है। अस्पताल में हीट वेव को देखते हुए पर्याप्त दवाएं हैं।
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