बांका: बिहार के प्रमुख जिलों में से एक बांका है। पटना से इस शहर की दूरी करीब 253 किलोमीटर है। चंदन नदी के किनारे बसा बांका की सीमाएं भागलपुर, मुंगेर, जमुई और झारखंड से स्पर्श करती हैं। इस जिले का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। महाभारत काल के दौरान बांका अंग प्रदेश के अंतर्गत आता था। अगर टूरिस्ट प्लेस की बात करें तो बांका घूमने के लिहाज से बेहद खास है। यहां कई खूबसूरत ताल, मंदिर और पहाड़ियां हैं। छुट्टियां बिताने के लिए ये यहां के टूरिस्ट स्पॉट खास हैं।
मंदार पर्वत
बांका का मंदार पर्वत खास है। इसे मंदरांचल के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक मंदाार पर्व का प्रयोग देवताओं ने समुंद्र मंथन के लिए किया था। जिसमें से हलाहल विष के साथ 14 रत्न निकले थे। ये स्थान हिंदू और जैन दोनों के लिए खास है। हिंदुओं के लिए मंदार पर्वत भगवान विष्णु का आश्रय स्थल है तो वहीं जैन धर्म इस पर्वत को 12वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य से जुड़ा मानते हैं। यहां पर उनके पद चिह्न हैं। इसी पर्वत पर एक सरोवर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि कर्नाटाक के चोलवंशीय राजा ने जब मकर संक्रांति के दिन इस समें स्न्नान किया था तब उनकी कुष्ठ रोग सही हो गया था। इस तालाब के बीचों-बीच भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का मंदिर है। मकर संक्रांति के मौके पर यहां मेला लगता है।
बाबा ज्येष्ठगौर नाथ
बांका के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक बाबा ज्येष्ठगौर नाथ मंदिर है। ये अमरपुर प्रखंड में स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि यहां हर्षवर्धन के समकालीन शशांक गौर ने 108 शिवलिंगों की अस्थापना कराई थी। जिसमें से एक ये भी है। शिवरात्रि और सावन महीने में इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु शिवलिंग पर जल चढ़ाने आते हैं।
ओढ़नी डैम
बिहार में बीच का मजा लेना है तो ओढ़नी डैम जा सकते हैं। यहां मोटरबोट, स्पीड बोट और डेट स्कीइंग जैसे वाटर स्पोर्ट्स का मजा मिलेगा। जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर की दूरी पस स्थित इस डैम पर लोग प्री-वेडिंग शूट कराने के लिए भी आते हैं। खूबसूरत वादियों के बीच यह डैम 146 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। ओढ़नी डैम पर लोग विकेंड पर पिकनिक मनाने के लिए आते हैं।
मां तिलडीहा शक्तिपीठ
बांका के शंभगंज प्रखंड के तेलडीहा गांव में मां कृष्ण काली भगवती मां तिलडीहा शक्तिपीठ है। इस मंदिर की स्थापना साल 1603 में हिरबल्लभ दास ने किया था। इस मंदिर में बिहार समेत अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु देवी के दर्शन करने आते हैं। नवरात्रि के समय इस मंदिर में लोगो का हुजूम उमड़ पड़ता है।
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