पटना: देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। इस बार पीएम मोदी को सत्ता से बाहर करने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कंधों पर ली है और इसके लिए वह विपक्षी नेताओं को एकजुट करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने सोमवार (24 अप्रैल) को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की थी. उनके साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद थे।
नीतीश से मुलाकात के दौरान ममता ने भी विपक्षी एकजुटता के साथ खड़े होने की बात कही है. इससे सियासी पारा काफी बढ़ा हुआ है. विपक्ष इसे बड़ी कामयाबी बता रहा है, तो बीजेपी नेता इसे महज पॉलिटिकल स्टंट बता रहे हैं. इस मुलाकात पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद और पूर्व सीएम सुशील कुमार मोदी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने इसे पर्यटन और फोटो सेशन के ज्यादा कुछ नहीं बताया है।
सुशील मोदी ने विपक्षी एकता पर तंज कसते हुए कहा कि यदि समय काटने के लिए कोई मेंढ़क तौलना चाहता है, तो इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार केवल चर्चा में बने रहने के लिए विपक्षी एकता का प्रयास करते हुए दिखाई दे रहे हैं. उनका दिल्ली, लखनऊ या कोलकाता दौरा इससे ज्यादा कुछ नहीं है।
बीजेपी नेता ने कहा कि बिहार में टीएमसी नहीं है और बंगाल में जब जेडीयू-आरजेडी का कोई जनाधार नहीं है, तो इस मुलाकात का क्या मतलब है? उन्होंने पूछा कि क्या नीतीश कुमार बंगाल में कांग्रेस, माकपा और टीएमसी को एक मंच पर ला सकते हैं? उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं कर सकते तो उनकी ये मुलाकात साथ में चाय पीने के सिवा कुछ नहीं है।
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