पटना: रमजान के पाक महीने में हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी ने इफ्तार का आयोजन किया। इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार दावत-ए-इफ्तार में शामिल हुए। नीतीश कुमार को गुलदस्ता, टोपी, साफा भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया। और फिर इफ्तार की नमाज अदा की गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री सहित सभी रोजेदारों ने प्रदेश, समाज और देश में अमन-चैन, शांति एवं भाईचारे का माहौल कायम रहने की दुआ मांगी। लेकिन हैरानी की बात ये कि नीतीश कुमार और आरजेडी की इफ्तार से दूरी बनाए रखने वाली बीजेपी के कई नेता मांझी की इफ्तार में शामिल हुए।
बीजेपी ने किया था इफ्तार का विरोध
बीजेपी ने नीतीश और तेजस्वी की इफ्तार का बॉयकॉट किया था। बीजेपी के तमाम नेताओं का कहना था कि अगर रमजान में नीतीश कुमार इफ्तार का आयोजन करते हैं तो फिर रामनवमी पर भोज और प्रसाद वितरण क्यों नहीं करते। जिसके चलते जदयू और आरजेडी की इफ्तार में एक भी बीजेपी नेता नहीं पहुंचा था। वहीं मांझी की इफ्तार में सीएम नीतीश के साथ वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, मंत्री शीला कुमारी, संतोष कुमार सुमन, सूचना प्रावैधिकी मंत्री मो. इसराईल मंसूरी, विधायक ज्योति देवी, अनिल कुमार, प्रफुल्ल कुमार मांझी, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, बिहार शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अफजल अब्बास सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, नेतागण व रोजेदार मौजूद थे।
नीतीश के खिलाफ मांझी का बयान
इससे पहले जीतन राम मांझी ने अजीबोगरीब बयान देकर सियासी माहौल गर्म कर दिया था। उन्होने कहा कि सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ अनशन कर सकते हैं, तो हम नीतीश कुमार के खिलाफ क्यों नहीं कर सकते हैं। जीतन राम मांझी ने कहा कि स्पष्टता उनकी मजबूरी रही है। मांझी ने आगे कहा कि महागठबंधन में हम बहुत दबाव में हैं। सब कह रहे हैं कि मेरे साथ आइये। ऐसे में हमलोगों को निर्णय लेना होगा। उन्होने कहा कि पूर्णिया की रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोल चुके हैं कि हम ही सब कुछ आपको देंगे। अब निर्णय की घड़ी आ चुकी है।शाह से मुलाकात के बाद गर्म हुई सियासत
आपको बता दें इससे पहले जीतन राम मांझी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। और दशरथ मांझी समेत बिहार के अन्य विभूतियों को भारत रत्न देने की मांग रखी थी। इस दौरान उन्होने कहा था कि हम हमेशा नीतीश कुमार के साथ हैं। नीतीश एक योग्य पीएम उम्मीदवार हैं।
शराबबंदी पर हो सर्वदलीय बैठक
शाह से मुलाकात के दिन ही मांझी ने दिल्ली में नीतीश कुमार से भी मुलाकात की थी। रविवार को हम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मांझी ने कहा कि शराबबंदी कानून पर सर्वदलीय बैठक होनी चाहिए। क्योंकि सबसे ज्यादा गरीब आदमी ही मर रहा है। यही नहीं मांझी ने दिल्ली की तर्ज पर बिहार में किसानों को 200 यूनिट फ्री बिजली देने की भी वकालत की।
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