समस्तीपुर: पूर्व मुखिया सुरेंद्र प्रसाद सिंह व उनके सहयोगी सत्यनारायण सिंह उर्फ मंत्रीजी की ह’त्या में विभूतिपुर के पूर्व विधायक व उनके भाई समेत छह लोगों को नामजद किया गया है। पूर्व मुखिया के भाई रंजीत प्रसाद के आवेदन पर दर्ज प्राथमिकी में पूर्व विधायक रामबालक सिंह व उनके भाई लालबाबू सिंह के अलावा कैलाश सिंह, अभिमन्यु सिंह, महेश कुमार राउत, रामाश्रय सिंह उर्फ टूना सिंह को नामजद करने के साथ चार-पांच अज्ञात पर हत्या का आ’रोप लगाया गया है।
दिवंगत पूर्व मुखिया के भाई ने प्राथमिकी में कहा है कि उनके भाई सुरेंद्र प्रसाद सिंह ग्राम पंचायत सिंघिया बुजुर्ग दक्षिण के पूर्व मुखिया थे। 2021 में उनकी भाभी मुखिया की उम्मीदवार थीं। पूर्व विधायक रामबालक सिंह की पत्नी से उनकी भाभी चुनाव हार गई थीं। लेकिन 2022 में पूर्व विधायक की पत्नी का देहांत हो गया। दोबारा चुनाव होने वाला है। उनके भाई पत्नी को चुनाव लड़ाने की घोषणा कर चुके थे। कई बार आ’रोपी उन्हें जान मारने की धम’की दे चुके थे। वहीं रामबालक सिंह ने बताया कि इस वा’रदात से उनका लेना-देना नहीं है। उन्हें व समर्थकों को फंसाया गया है।
पुलिस के लिए दोहरे ह’त्याकांड की गुत्थी सुलझाना चुनौती
विभूतिपुर में हुए दोहरे ह’त्याकांड को सुलझाना पुलिस के लिए चुनौती बन गयी है। एसपी विनय तिवारी ने इस कां’ड को गंभीरता से लेकर मामले का खुलासा तुरंत करने का निर्देश दिया है। इसके लिए घट’ना के बाद एसडीपीओ रोसड़ा शिवम कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन भी कर दिया है। जिसमें एसडीपीओ के अलावे विभूतिपुर थानाध्यक्ष संदीप पाल, शिवाजीनगर ओपी अध्यक्ष रामाशीष कामती व डीआईयू टीम को शामिल किया गया है। मंगलवार को एसपी ने भी घट’नास्थल का जायजा लिया था और एसआईटी को अनुसंधान की दिशा में तेजी लाने का निर्देश दिया था।
मृ’तक के भाई द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर में पूर्व विधायक रामबालक सिंह व उनके भाई लालबाबू समेत छह को नामजद किये जाने के बाद मामला हाई प्रोफाइल हो गया है। वहीं मामले के अनुसंधान में पुलिस को भी काफी माथापच्ची करनी पड़ी रही है। भाई द्वारा दर्ज करायी गयी एफआईआर में राजनीतिक प्रतिद्वंदता जिक्र किया गया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो जांच में जुटी पुलिस वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिये आरोपियों के विरुद्ध साक्ष्य जुटाने में लगी है। वहीं एसआईटी दूसरे पहलू पर भी तहकीकात में जुटी है। हालांकि इस संबंध में पुलिस कुछ भी विस्तृत जानकारी देने से परहेज कर रही है।
विवादों में घिरे रहे हैं पूर्व विधायक और उनके भाई
विभूतिपुर के पूर्व विधायक रामबालक सिंह व उनके भाई लालबाबू का वि’वादों के साथ पुराना नाता रहा है। यह कोई पहली मर्तबा नहीं है, जब उनके विरुद्ध आपराधिक मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई है। बता दें कि सितम्बर 2021 में ही समस्तीपुर न्यायालय ने 22 साल पुराने एक जानलेवा हमला मामले में पूर्व विधायक व उनके भाई को दोषी करार देते हुए सजा सुनायी थी। इसके बाद विधायक व उनके भाई को जेल भी जाना पड़ा था। उच्च न्यायालय में अपील के दौरान उन्हें जमानत मिली। इस मामले में भी पूर्व विधायक व उनके भाई के विरुद्ध गो’ली चलाने का आरो’प था। जिसमें पी’ड़ित की अंगुली उड़ गई थी। घ’टना 04 जून 2000 के रात की थी। इसमें माकपा नेता ललन सिंह ने एफआईआर दर्ज कराया था। और अब एक बार फिर दोनों भाइयों को हत्या मामले में नामजद किया गया है।
शार्प शू’टर की संलिप्तता की आशंका
विभूतिपुर में हुए दोहरे ह’त्याकांड को अंजाम देने में किसी शार्प शू’टर की संलिप्तता की आशंका है। तहकीकात के दौरान पूर्व मुखिया सुरेन्द्र सिंह के मष्तिस्क व आंख के समीप आठ गोली लगी पायी गयी थी। इससे पुलिस इस मामले में शार्प शूटर की संलिप्तता मान रही है। यही कारण है कि घटना के बाद से ही इलाके के शार्प शूटरों का रिकार्ड खंगाला जा रहा है। घटना को अंजाम देने में शामिल एक बदमाश का फुटेज पुलिस के हाथ लगा है, जिसकी पहचान में एसआईटी जुटी है।
इसके लिए जिला व सीमावर्ती इलाकों के थाना क्षेत्रों में लिस्टेड शूटरों का रिकार्ड खंगाला जा रहा है। पुलिस का मानना है कि साजिशकर्ताओं ने शूटरों के जरिये इस घटना को अंजाम दिलवाया है, इसलिए पुलिस शूटरों के जरिये ही मामले की तह में जाना चाह रही है। बहरहाल एसआईटी टीम की अनुसंधान जारी है। सबों की नजर पुलिस अनुसंधान पर ही टिकी है। एसआईटी मामले की गहन जांच में जुटी है। वैज्ञानिक अनुसंधान से कई सुराग मिले हैं, उससे संबंधित साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। पुलिस कई बिंदुओं पर तहकीकात कर रही है। शीघ्र ही आरोपियों की गिरफ्तारी कर मामले का पटाक्षेप कर लिया जाएगा।
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