जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो और पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ी टिप्पणी की है। जाप प्रमुख ने दावा किया है कि वह पीएम नरेंद्र मोदी से सीनियर पॉलिटिशियन हैं। पप्पू यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर मैसेज लिखकर यह बात कही है। उनके बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। आम जनों की ओर से उनपर भद्दे आरोप लगाकर तीखा वार किया जा रहा है। पप्पू यादव का यह बयान बिहार का सियासी पारा बढ़ाने वाला है।
अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर पप्पू यादव ने अपनी बात कही है। वह कहते हैं कि कुछ लोग सलाह देते हैं कि प्रधानमंत्री पर टिप्पणी मत कीजिए। उन्हें पता नहीं है संसदीय राजनीति में हम नरेंद्र मोदी जी से बहुत सीनियर हैं! जब वह अपने गृह क्षेत्र वडनगर से ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने का साहस नहीं कर पाए तब हम 3 बार निर्दलीय लोकसभा MP और एक बार निर्दलीय MLA बन चुके थे।
ट्विटर प्लेटफॉर्म पर इस बयान को लेकर पप्पू यादव की काफी आलोचना हो रही है। उनके ट्विटर पर आकर लोग खुलकर जाप प्रमुख पर प्रहार कर रहे हैं। ऋतुराज शर्मा नामक एक शख्स ने लिखा है कि सीनियर हैं फिर भी आपका आज कोई अस्तित्व नहीं है। बस कांग्रेस और राजद के पीछे पीछे भाग रहे हैं। प्रधानमंत्री तो अगले जन्म की बात है , आप कभी मंत्री भी नही बन पाये। कभी बिहार और बिहार के बाहर रहने वाले युवा वर्ग से पूछिए आपके बारे में क्या राय रखते हैं। सुमंत तिवारी लिखते हैं- वो बात अलग हैं कि आज के समय में आप मुखिया का भी चुनाव नहीं जीत सकते हैं। आशीष गौरव ने लिखा है- इसीलिए आप ट्विटर चला रहे हैं और नरेंद्र मोदी जी देश चला रहे हैं। आप इसी तरह ट्विटर चलाते रहिये और टिप्पणी करते रहिए,और उनको देश चलाने दीजिए।
एक अन्य शख्स शंकर यादव ने कहा है कि कुछ लोग प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करते हैं। कहते हैं कि राजनीति में वे वर्तमान प्रधानमंत्री से इतने सीनियर हैं। जब वह ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने का साहस नहीं कर सकते थे तब ये महाशय MP और MLA थे। इन महाशय को कोई समझाए कि सीनियर होने से योग्यता का सर्टिफिकेट नहीं मिल जाता है। विकास कुमार सिंह ने कहा है कि सही कहा आपने, हर स्कूल में कुछ विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो एक ही क्लास में सालों साल पढ़ते हैं और जीवन में उनका कुछ नहीं कर पाते l आप उन्हीं मेधावी विद्यार्थियों में से एक हैं, जो आज भी उसी क्लास में है।
ट्विटर पर पप्पुू यादव के समर्थकों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम है। एक शख्स ने कहा कि मोदी जी जीतना भी प्रयास कर लें, वे सिर्फ मीडिया और अंध भक्तों वजह से ही भविष्य मे जाने जायेगें। वे कभी अटलजी, नेहरूजी और इंदिरा गांधी के बराबर नहीं आ पाएंगे। संजय कुमार नामक शख्स ने कहा है कि सलाह देने वाले को आप भी एक सलाह दे दीजिएगा कि क्या बढ़ती मंहगाई बेरोजगारी…गरीब, शोषित, दलित आदिवासी पर हो रहे जुल्म अत्याचार को देखते हुए मौन रहुं… यह बुजदिलो का काम है। यदि हक के लिए लड़ते हुए यदि मेरी मौत हो जाए तो आने वाली पीढ़ियां बदला लेंगी।
पप्पू यादव पहले भी नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी कर चुके हैं। लालू प्रसाद, सोनिया गांधी समेत देश के अन्य नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई हुई तो पप्पु यादव ने पीएम मोदी पर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। उन्होंने पीएम पर राजनैतिक विरोधियों के खिलाफ सत्ता की ताकत का गलत उपयोग करने का आरोप लगाया।
पप्पू यादव ने पहली बार 1991 में लोकसभा चुनाव जीता। उसके बाद वे 1996,1999,2004 और 2014 में बिहार के कई निर्वाचन क्षेत्रों से निर्दलीय व राजद उम्मीदवार के रूप में लोकसभा सांसद बने। 2019 के चुनाव में उनकी हार हो गई। पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में पप्पू यादव और उनकी पार्टी की करारी हार हुई। पप्पू यादव ने राज्य में जन अधिकार पार्टी की सरकार बनाने का दावा किया था और खुद को सीएम कैंडिडेट घोषित किया था। वह अपनी सीट भी नहीं बचा सके।
पीएम नरेंद्र मोदी वर्ष 1985 मे ही भाजपा की सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए। पार्टी में उनके अच्छे काम को देखते हुए प्रमुख दायित्यों में रखा गया। राष्ट्रीय राजनीति में उन्होंने बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां संभाली। लेकिन, वर्ष 2001 में वे गुजरात के मुख्यमंत्री बनाए गए तब से उनकी संसदीय राजनीति शुरू हुई। 2002 में गुजरात विधानसभा का चुनाव जीतकर वे विधायक बने। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने। 2019 में मोदी दूसरी बार पीएम बने।
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