मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर शहर में सड़क किनारे खुले व कच्चे नाले हा’दसों को न्योता दे रहे हैं। पूर्व की घट’नाओं से भी नगर निगम सबक नहीं ले रहा है। निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक, शहर में सात तरह के नालों की कुल लंबाई 137 किलोमीटर है। इसमें 6.26 किमी खुले व 9.96 किमी कच्चे नाले हैं।
कल्याणी चौक से फरदो व सिकंदरपुर मन से जुड़ा शहर का सबसे बड़ा खुला नाला सवा छह किमी लंबा है। ब्रह्मपुरा, कंपनीबाग, माड़ीपुर समेत अन्य इलाको में सड़क किनारे बने घरों के आगे खुला नाला बह रहा है। विशेषकर बरसात में नाले व सड़क का भेद मिट जाता है। नतीजतन स्थिति खतरनाक हो जाती है।
बीबीगंज नाला के आसपास सघन रिहायशी इलाका है। एनएच से शहर को जोड़ने वाली सड़क के किनारे नाला खुला है। आसपास जंगल-झाड़ होने से नालों का भी पता नहीं चलता है। विशेषकर रात में हा’दसे की आशंका बढ़ जाती है।
बीते दो महीने में दो हाद’से हो चुके हैं। करीब डेढ़ महीने पहले रात के समय पहले एनएच से ब्रह्मपुरा की ओर आ रहे यूपी के एक डॉक्टर की कार नाले में गिरकर दुर्घ’टनाग्रस्त हो गई थी। इसके अलावा एक अन्य कार भी दुर्घट’नाग्रस्त हो चुकी है।
वार्ड पार्षदों से भी खुले, जर्जर या कच्चे नालों की जानकारी मांगी गई है। सूचना मिलने पर निर्माण कराया जाएगा। हाल ही में शहर के सभी 49 वार्डो में सड़क-नाला को लेकर 25 करोड़ की योजना पास हुई है।
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