मुजफ्फरपुर: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) नेपाल से सटे बिहार के मोतिहारी, मुजफ्फरपुर आदि जिलों में युवाओं को संगठन से जोड़ने के लिए भर्ती रैली कर रहा है। एनआईए ने मुजफ्फरपुर के बरुराज थाने में एफआईआर दर्ज कराकर बड़ा खुलासा किया है। छह लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की सूचना है। कार्रवाई में एनआईए के साथ राज्य की एटीएस की टीम भी शामिल रही।
देश स्तर पर सितंबर 2022 में पीएफआई पर प्रतिबंध लगा था। इसके बावजूद बिहार के मुजप्फरपुर में पीएफआई की गतिविधि जारी रही। जिले में बरुराज थाने के परसौनीनाथ गांव में कादिर के घर पर अक्टूबर 2022 में युवाओं को संगठन में भर्ती के लिए बैठक व रैली की गई थी। बरुराज थाने में दर्ज एफआईआर की पुष्टि करते हुए एसएसपी राकेश कुमार ने छानबीन शुरू किए जाने की जानकारी दी।
परसौनीनाथ गांव में आयोजित रैली को लेकर बरुराज थाने में एनआईए के इंस्पेक्टर विकास कुमार ने एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें पूर्वी चंपारण के चकिया थाने के हरपुर किशुनी निवासी मो. बेलाल उर्फ इरशाद, कुअवां गांव निवासी रियाज मारूफ उर्फ बब्लू, मेहसी थाने के मोगलपुर निवासी याकूब खान उर्फ सुल्तान उर्फ उस्मान, कस्बा गांव निवासी मो. अफरोज और बरुराज थाना के परसौनीनाथ गांव निवासी मो. कादिर को नामजद व अन्य अज्ञात को आरो’पित बनाया गया है।
पीएफआई के ट्रेनर और मुख्य आरो’पितों में एक मोहम्मद याकूब की तलाश में पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र समेत कुछ अन्य इलाकों में एनआईए की टीम ने दबिश दी है। मामले करीब आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की सूचना मिल रही है।
जांच प्रक्रिया में एनआईए के साथ बिहार की एटीएस की भी विशेष टीम जुटी हुई है। इनका मुख्य निशाना याकूब को गिर’फ्तार करने के साथ ही सरगना रेयाज मारूफ के कुछ करीबियों को दबोचना है। मोतिहारी मॉड्यूल में एनआईए की टीम अब तक तीन संदिग्धों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
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