मधेपुरा: हिन्दुओं के धर्म ग्रंथ रामचरितमानस पर विवा’दित बयान देने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर यादव की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। दिल्ली, पटना, गया, आरा, नवादा, भभुआ, सासाराम के बाद अब उनके गृह जिले मधेपुरा में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर ऐसा बयान दिया कि उसकी चर्चा आज भी हो रही है। इस बयान ने बिहार की राजनीति में बवाल खड़ा करके रख दिया है। इसे लेकर विपक्षी पार्टी बीजेपी लगातार हमलावर है तो वही महागठबंधन की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने भी चंद्रशेखर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जेडीयू के नेता भी अब अपनी भड़ांस निकाल रहे हैं। जेडीयू विधायक संजीव कुमार ने तो यहां तक कह दिया कि मंत्रीजी ने चिरकूट वाला काम किये हैं।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विवादित को लेकर बिहार में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता लगातार शब्दों के बाण छोड़ रहे हैं। वही शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ दिल्ली,पटना,गया,आरा,नवादा,भभुआ,सासाराम के बाद अब उनके गृह जिले मधेपुरा में केस दर्ज किया गया है। मधेपुरा व्यवहार न्यायालय में बीजेपी नेताओं ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ परिवाद दायर किया है।
भाजपा जिलाध्यक्ष स्वदेश कुमार के नेतृत्व में बीजेपी नेता दीपक यादव, गुलजार कुमार बंटी, अरुण ऋषिदेव, दिलीप सिंह के साथ मधेपुरा व्यवहार न्यायालय पहुंचे जहां मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ एक परिवाद दायर किया। अधिवक्ता भगवान पाठक के माध्यम से यह परिवाद दायर कराया गया है। भाजपा जिलाध्यक्ष स्वदेश कुमार ने कहा कि शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने धर्म ग्रंथ के बहाने दलितों को अपमानित किया है। उन्होंने कहा कि मंत्री का बयान आपसी सद्भावना का आहत पहुंचाने वाला है, इसलिए यह परिवाद दायर किया गया है।
वही अधिवक्ता भगवान पाठक ने कहा कि शिक्षा मंत्री का दिया गया यह बयान एक धर्म को मानने वाले के बीच आहत पहुंचाने वाला है। ऐसे में आज उनके खिलाफ व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष परिवाद दायर किया गया है। बता दें कि बीते दिनों रामचरितमानस के एक चौपाई का हवाला देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा था कि यह पुस्तक समाज में नफरत फैलाती है। उनके इस बयान के बाद बवाल मचा हुआ है।
जबकि सासाराम कोर्ट में बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामायण पासवान ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ परिवाद दायर किया। जिसमें बताया गया है कि हिंदुओं के धर्म ग्रंथ रामचरित मानस को लेकर चंद्रशेखर ने आपत्तिजनक बयान दिया है। जिससे करोड़ों लोगों की भावना को ठेस पहुंचा है। चंद्रशेखर पर धर्म ग्रंथ के बहाने दलितों को अपमानित करने का आरोप लगाया गया है।
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