पटना: बिहार में जल्द ही कांग्रेस का स्वरूप बदलने वाला है। यह पार्टी के प्रदेश प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा हैं। बिहार में भारत जोड़ो यात्रा निकाल अखिलेश सिंह ने कहा कि वे प्रदेश संगठन को नए रूप में लेकर आने वाले हैं। बीजेपी की नफरत और विभाजनकारी नीतियों से लड़ने के लिए यह जरूरी है। अखिलेश प्रसाद सिंह के इस बयान के बाद बिहार के सियासी हलके में चर्चा शुरू हो गई है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर बिहार में भी पदयात्रा निकाली जा रही है। भागलपुर में भारत जोड़ो यात्रा का पहला चरण मंगलवार को खत्म हुआ। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यश्रक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में बिहार में कांग्रेस एक नये रूप में दिखेगी। भाजपा की नफरत और विभाजनकारी राजनीति को न केवल वैचारिक रूप से हराएंगे, बल्कि बिहार के जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को भी जोड़ा जाएगा।
क्या है अखिलेश के बयान के मायने
दरअसल, बिहार में कांग्रेस आरजेडी की पिछलग्गू पार्टी बनकर रह गई है। मौजूदा विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या महज 19 है। नीतीश कैबिनेट में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की संख्या भी दो ही है। ऐसे में पार्टी राज्य में अपनी सियासी जमीन फिर से मजबूत करना चाहती है।
पिछले साल मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। इसके बाद अखिलेश प्रसाद सिंह की पीसीसी चीफ पर नियुक्ति हुई। कार्यभार संभालते ही अखिलेश ने कह दिया कि वह राज्य और सरकार में पार्टी को मजबूत करने वाले हैं। अखिलेश प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर कैबिनेट में कांग्रेस के मंत्रियों की संख्या भी बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि विधायकों की संख्या के हिसाब से दो और मंत्री पद कांग्रेस को मिलने चाहिए। अगले कैबिनेट विस्तार में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की संख्या बढ़ सकती है।
दूसरी ओर, अखिलेश प्रसाद सिंह की नजर 2024 के आम चुनाव पर टिकी हुई है। वह लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बिहार में बेहतर करके अपनी परीक्षा में सफल होना चाहते हैं। कांग्रेस ने महागठबंधन में शामिल आरजेडी और जेडीयू पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर प्रदेश कांग्रेस के नेता मार्च में बैठक कर सकते हैं। प्रदेश अध्यक्ष का लक्ष्य है कि आगामी चुनाव के दौरान महागठबंधन में कांग्रेस को ज्यादा से ज्यादा सीटें लड़ने के लिए मिले और उनपर जीत दर्ज सके।
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