बिहार में अगले 72 घंटे तक ठंड से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग ने दो दिनों तक शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा शुक्रवार से न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने के आसार हैं। ऐसे में कड़ाके की ठंड में और बढ़ोतरी होने की आशंका जताई जा रही है।
मुजफ्फरपुर में 23 सालों बाद मंगलवार का दिन सबसे ठंडा रहा। इससे पहले 3 जनवरी 2000 को ऐसी स्थिति बनी थी। 2 जनवरी 2000 को अधिकतम तापमान जहां 13.6 डिग्री था। वहीं मंगलवार को यह 14.2 डिग्री रिकार्ड किया गया। पूरे बिहार में प्रचंड ठंड की वजह से जनजीवन अस्तव्स्त हो गया है। राज्य में बुधवार को भी कोहरे की घनी चादर बिछी हुई है।
बिहार समेत उत्तर भारत के अधिकांश इलाके कोहरे की चपेट में हैं। विजिबिलिटी घटने से विमान, रेल और सड़क यातायात सेवाएं आज भी प्रभावित हुई हैं। राज्य में फिलहाल शीतलहर का सितम बने रहने के आसार हैं। ठंडी हवाओं के चलते राज्य में अब रातों के साथ-साथ दिन भी सर्द हो गए हैं।
मंगलवार को पटना में अधिकतम तापमान सामान्य से 7 डिग्री नीचे रहा। मध्य भारत में प्रति चक्रवात के प्रभाव से बिहार में अगले कुछ दिनों तक कड़ाके की ठंड रहने का अनुमान है। सूबे में सतह पर हवा की गति बहुत कम होने और आद्रता 90 प्रतिशत से अधिक रहने के कारण घना कोहरा छाया रहेगा।
प्रदेश में उत्तरी और उत्तर-पछुआ की हवा सतह से 1.5 किमी ऊपर बनी हुई है। इसकी गति 6 से 8 किलोमीटर प्रति घंटा है। वहीं प्रदेश सहित मध्य भारत में प्रति चक्रवात के प्रभाव से अगले कुछ दिनों तक पूरे बिहार में कड़ाके की ठंड रहेगी। 4-5 जिलों में शीतलहर जैसी स्थिति भी रह सकती है। न्यूनतम तापमान में भी 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है।
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