पटना: बिहार कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा एक बार फिर से चर्चा में आ गई है। बीते कल आयोग की ओर से तृतीय स्नातक स्तरीय प्रारंभिक परीक्षा शुक्रवार को दो पालियों में हुई। लेकिन, कल पहली पाली परीक्षा आरंभ होने के 53 मिनट बाद ही प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
जिसके बाद जब इस वायरल प्रश्नपत्र की पुष्टि करवाई गई तो यह सही पाया गया। जिसके बाद इस पुरे मामले में आर्थिक अपरा’ध इकाई (EOU) ने एफआइआर दर्ज कर ली है। साथ ही इसके जांच को लेकर एक स्पेशल टीम बनाई गई है।
दरअसल, बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने वायरल प्रश्न मामले की जांच आर्थिक अप’राध इकाई (ईओयू) को सौंप दी है। ईओयू को आयोग ने कुछ तथ्य भी भेजे हैं। इसकी जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि आयोग के सचिव सुनिल कुमार ने अभी परीक्षा को रद्द करने की बात नहीं कही है। उन्होंने बताया कि परीक्षा को लेकर आयोग काफी गं’भीर व संवेनशील है। यदि प्रश्न पत्र केन्द्र से बाहर आने और इससे परीक्षा प्रभावित होने की बात थोड़ी भी सही पाई गई तो प्रथम चरण की परीक्षा रद्द करने में विलंब नहीं किया जाएगा।
आयोग के अनुसार परीक्षा में कुछ प्रशासनिक त्रुटियां सामने आई है इसके संबंध में कार्रवाई की जाएगी। इधर, शिक्षा मंत्री प्रो. चन्द्रशेखर ने भी बयान जारी कर कहा कि पहले मामले की जांच की जाएगी। अगर जांच में कुछ गड़बड़ी पायी गयी तो परीक्षा रद्द की जाएगी।
गौरतलब हो कि, शुक्रवार को राज्य के 38 जिलों के 538 केन्द्रों पर दो पालियों में परीक्षा हुई। दोनों पालियों को मिलाकर साढ़े पांच लाख से अधिक परीक्षार्थी इसमें शामिल हुए। पहली पाली में ही पेपर लीक होने की अफवाह उड़ती रही। प्रश्न-पत्र वायरल होता रहा। हालांकि दूसरी पाली की परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुई। छात्रों का आ’रोप है कि जब प्रश्न-पत्र बाहर नहीं आया था तो यह वायरल कैसे हुआ। परीक्षार्थी और छात्र संगठनों ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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