अरवल: बिहार में अपरा’धियों के मन से पुलिस का खौफ खत्म हो चुका है। अरवल में बेख़ौ’फ़ बद’माशों ने एक बार फिर उसी घर को आ’ग के हवाले कर दिया, जिस घर में पिछले दिनों मां-बेटी को जिं’दा ज’ला दिया गया था।
इस बार बद’माशों का निशाना उसी केस की सूचक थी हालांकि समय रहते सूचक महिला घर से बाहर निकल गई थी। बता दें कि बीते 29 नवंबर को दुष्क’र्म में विफल होने पर आरो’पी ने मां-बेटी को जिं’दा ज’लाकर ह’त्या कर दी थी।
दरअसल, अरवल के परासी थाना क्षेत्र के चकिया गांव में शनिवार की देर रात पुलिस को चुनौती देते हुए बद’माशों ने एक बार फिर से उसी घर को आ’ग लगा दिया, जिस घर में मां-बेटी की पिछले दिनों जिंदा ज’लाकर ह’त्या कर दी गई थी।
उस केस की सूचक को जिंदा ज’लाकर मा’रने की प्लानिंग थी। लेकिन केस की सूचक आरती देवी ने घर से भागकर किसी तरह से अपनी जान बचाई। केस की सूचक मृ’तका की गोतनी आरती ने बताया कि शनिवार की देर रात दो लोग उसके घर पहुंचे थे और घर में रखे नेवारी में आ’ग लगा दिया था।
उधर, घट’ना की जानकारी दिए जाने के घंटों पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रो’श है। बाद में एएसपी रोशन कुमार दल बल के साथ मौके पर पहुंचे घ’टना के बारे में जानकारी ली। उन्होंने परासी थाने की पुलिस को मामले की छानबीन करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि बीते 29 नवंबर को दु’ष्कर्म में असफल होने पर आरो’पी ने घर को आ’ग के हवाले कर दिया था, जिसमें झु’लस कर मां सुमन देवी और सात साल की बेटी श्रद्धा कुमार की इलाज के दौरान मौ’त हो गई थी। इस घट’ना ने बिहार की सियासत को हिलाकर रख दिया था।
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