बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरूवार को उर्दू कर्मियों को नियुक्तिपत्र वितरण कार्यक्रम में भाजपा और केंद्र सरकार पर हम’ला बोलते हुए कहा है कि केंद्र सरकार पिछड़े राज्यों की कोई मदद नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार की बहुत पुरानी मांग है विशेष राज्य का दर्जा, पर केंद्र इस मांग पर चुप्पी साध चुका है और कोई जवाब नहीं मिल रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि यदि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिला होता तो यहां और भी ज्यादा विकास होता। महागठबंधन सरकार का पक्ष लेते हुए नीतीश ने कहा कि वे अपने बल पर राज्य का विकास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को उर्दू अनुवाद को और अन्य उर्दू कर्मियों को नियुक्ति पत्र देने के बाद यह बात कही। इस मौके पर 183 उर्दू कर्मियों को नियुक्ति पत्र दिया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली की सरकार समाज में गड़बड़ माहौल बना रही है, उसका कोई ठिकाना नहीं है वह कब क्या कर देगी।
भाजपा पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा कि समाज में नफरत फैलाने का काम भाजपा के लोग ही कर रहे हैं। माहौल बिगड़ने कि कोशिश की जा रही है लेकिन बिहार के लोग सब समझते हैं। बिहार के विकास में भाजपा की केंद्र सर्कार बढ़ा बन रही है ऊपर से समाज में जहर घोलने का काम भी भाजपा ही कर रही है।
मुख्यमंत्री ने नियुक्तिपत्र वितरण कार्यक्रम के दौरान घोषणा की कि उर्दू शिक्षकों समेत उर्दू से संबंधित जितने रिक्त पद होंगे सभी पर तेजी से बहाली की जाएगी। इसको लेकर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश उन्होंने मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को दिया। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने 183 उर्दू कर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपा।
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