बिहार के बांका में पिता-पुत्र के पवित्र रिश्ते पर तंत्र-सिद्धि भारी पड़ गई। पिता ने एक बार भी नहीं सोचा और बेटे की जा’न ले ली। इस घ’टना के बाद पूरे जिले में हड़’कंप मचा हुआ है। पिता ने विजया दशमी की रात को सिद्धि पाने के लिए अपने ही बेटे की ब’लि दे दी।
इस घटना ने स्थानीय लोगों को हैरानी में डाल दिया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर एक पिता इतना निर्द’यी कैसे हो सकता है? पिता ने खुद को तंत्र से शक्तिशाली बनाने के लिए बेटे की ब’लि दे दी। घ’टना जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के महोता गांव की बताई जा रही है।
पिता की इस करतूत से आ’हत मां खुशबू देवी ने पुलिस में मामला दर्ज कराया है। मां ने पिता दीपक शर्मा पर तंत्र-मंत्र के लिए बेटे की ब’लि देने की बात कही है। मृ’तक राघव कुमार अपनी मां का लाड़ला था। शिकायत के बाद पुलिस ने बगीचे में छुप कर बैठे आरो’पी पिता को गिर’फ्तार कर लिया है।
मृ’तक की मां के मुताबिक दशहरा के दिन देर रात गांव के दो युवक मृ’तक को अस्पताल लेकर पहुंचे थे। जहां चिकित्सकों ने स्थिति देखकर उसे भागलपुर रेफर कर दिया था। उसके बाद रास्ते में ही राघव कुमार की मौ’त हो गई थी। घटना के बाद स्थानीय थानाध्यक्ष सुनील कुमार मौके पर पहुंचे और श’व को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस की जांच में आरो’पी दीपक के कमरे से तंत्र सिद्धि की सामग्री बरामद की गई है। बताया जा रहा है कि मंत्र पढ़ने के बाद आरो’पी दीपक शर्मा ने बेटे का गला द’बा दिया और भूल गया। उसके बाद उसकी स्थिति बिगड़ गई। बात को दबाने के लिए मृ’तक को पहले अस्पताल ले जाया गया। लेकिन, वो जिंदा नहीं बच पाया।
पुलिस के मुताबिक मृ’तक की मां ने दीपक शर्मा पर तंत्र मंत्र सिद्धि का आरोप लगाते हुए बेटे की ह’त्या का जिम्मेदार बताया है। पुलिस ने आ’रोपी पिता के कमरे की जब तलाशी ली, वहां से कई तंत्र मंत्र की सामग्री बरामद हुई है। कमरे से तंत्र मंत्र साहित्य और सेंसर युक्त कैमरा के साथ एक पेन ड्राइव मिला है। थानाध्यक्ष ने बताया कि मां के बयान पर आरो’पी को गिर’फ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
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