राज्य के तकरीबन 70 हजार प्राथमिक विद्यालयों को शीघ्र ही विशेष शिक्षण सामग्री मिलेगी। आधारभूत साक्षरता एवं अंकज्ञान (फंडामेंटल लिटरेसी एंड न्यूमरेसी-एफएलएन) को लेकर यह सामग्री शिक्षा विभाग ने एससीईआरटी, किलकारी व यूनिसेफ के सहयोग से चहक ‘माड्यूल’ के आधार पर तैयार कराई है। इसका मकसद प्राथमिक कक्षा के बच्चों को उनकी पाठ्य सामग्री (सिलेबस) के मुताबिक ज्ञान में निपुण कराना है।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक असंगबा चुबा आओ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी 69243 प्राथमिक विद्यालयों के लिए कक्षा एक से पांच तक का एफएलएन मैटेरियल शीघ्र उपलब्ध कराया जाए। स्कूलों तथा पहली से तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए निर्धारित संख्या में यह शिक्षण सामग्री दिल्ली की एक कंपनी द्वारा आपूर्ति की जा रही है।
बकौल निदेशक, राज्यस्तरीय समीक्षा में यह बात सामने आयी है कि प्रखंड मुख्यालय में शिक्षण सामग्री की आपूर्ति के उपरांत स्कूलों तक उसका वितरण नहीं किया गया है। निदेशक ने तत्काल स्कूल किट एवं चिल्ड्रेन किट को विद्यालय में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण चल रहा
बीईपी की ओर से 16 सितम्बर से एफएलएन सामग्री के उपयोग को लेकर तीन दिनों का ऑनलाइन प्रशिक्षण (उन्मुखीकरण) चल रहा है। प्राथमिक कक्षाओं के राज्यभर के सभी शिक्षकों का उन्मुखीकरण होना है। 16 सितम्बर को सभी जिला गुणवत्ता शिक्षा समन्वयक, सभी बीईओ, एससीईआरटी द्वारा प्रशिक्षित मास्टर प्रशिक्षक एवं मेंटर्स का उन्मुखीकरण हुआ। 17 को चहक के जिलों द्वारा प्रशिक्षित सभी संकुल स्तरीय प्रशिक्षकों की ट्रेनिंग हुई। 20 सितम्बर, मंगलवार को सभी सरकारी प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टरों का उन्मुखीकरण होगा।
राज्य के 13 जिलों ने ही एसपीक्यूईएम योजना के तहत केन्द्र से प्राप्त राशि की निकासी हेतु आवश्यक प्रक्रिया को पूरा किया है। इनके खातों की मैपिंग एवं भुगतान की सीमा निर्धारित करते हुए अग्रतर कार्रवाई की गयी है। माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक सचीन्द्र कुमार ने शेष 25 जिलों में विज्ञान शिक्षकों के मानदेय भुगतान को लेकर उन्हें अलर्ट किया है। निर्देश दिया है कि आज ही प्रक्रिया पूरी करते हुए प्रतिवेदन सौंपे।
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