बिहार में बाढ़ का चौतरफा कहर सामने आ रहा है। बड़ी नदियों के बाद अब छोटी नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। बीते दिनों से लगातार हो रही बारिश से नदियां ख’तरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। कोसी में उफान के बाद गंडक, बागमती व कमला बलान नदी खतरे के निशान के पार हो गई है। रविवार रात इन नदियों का जलस्तर लाल निशान को पार कर गया।
सूबे में 8 नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। उधर कोसी व गंडक बराज पर भी नदियों का जलस्तर एक लाख क्यूसेक से ऊपर चला गया। रविवार शाम समस्तीपुर में नून नदी भी खतरे के निशान के पार हो गई। इसके पहले कोसी, अधवारा, घाघरा के अलावा लखनदेई व घोघा नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
तराई में लगातार बारिश से बढ़ी मुश्किलें
नेपाल के तराई वाले इलाकों के अलावा उत्तर बिहार के मैदानी इलाके में 24 घंटे लगातार हो रही बारिश से इन नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नेपाल में इन नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में पिछले 72 घंटे से रुक-रुक कर बारिश हो रही थी। लेकिन बीते 24 घंटे में इसकी मात्रा बढ़ गयी। इसके बाद इन नदियों का जलस्तर तेजी से बढ गया है।
गंडक, बागमती और कमला-बलान खत’रे के ऊपर
गंडक नदी गोपालगंज में, बागमती मधुबनी और मुजफ्फरपुर में और कमला-बलान मधुबनी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके पहले कोसी, सुपौल व खगड़िया में जबकि घाघरा सारण में, अधवारा दरभंगा में जबकि घोघा नदी भागलपुर में लाल निशान से ऊपर है।
गंगा और कोसी में कटान तेज
लगातार बारिश से गंगा और कोसी का पानी मैदानी इलाकों में तेजी से कटान कर रहा है। कोसी और गंगा के जलस्तर में घटने बढ़ने का सिलसिला जारी है। नवगछिया में कोसी और सबौर में गंगा नदी तेजी से कटान कर रही है। छोटी नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी से रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी घुस रहा है।
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