बेगूसराय: श्रद्धा, विश्वास और आस्था केवल धार्मिक स्थानों में ही नहीं बल्कि कुछ और चीज़ों में भी होती है. बिहार के बेगूसराय ज़िला मुख्यालय से 20 किमी दूर चेरियाबरियारपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के फसियारी नाम के स्थान पर ऐसी ही एक मिसाल मिलती है. इसका नाम डॉ. कुआं है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक इस कुएं की उम्र तकरीबन 200 साल है और यह लंबे समय तक चमत्कारी कुआं रहा है. हालांकि स्थानीय लोगों की बातों में कितनी सच्चाई है, इस बात का अंदाज़ा वैज्ञानिक अनुसंधान के बाद ही लगाया जा सकता है.
इस जगह रहने वाले 90 वर्षीय धनी सिंह के साथ ही कृष्णा देवी, रामनरेश सिंह आदि कई लोगों का कहना है कि इस कुएं का पानी पीने से घेंघा रोग से मुक्ति मिल जाती है. लोग बताते हैं कि इसके लिए मरीज़ों को 2 महीने इस कुएं का पानी पीना होता था. लेकिन अब, स्थानीय लोगों के मुताबिक पिछले 2 सालों से इसका पानी प्रदूषित होने के कारण इस कुएं का उपयोग बंद कर दिया गया है.
रखरखाव में कोताही से छिन गया वरदान
लोगों ने बताया कि यह कुआं किसी वरदान से कम नहीं रहा, अगर इसका रखरखाव सही तरीके से हुआ होता तो आज इसका यह हाल नहीं होता. वहीं स्थानीय मुखिया रविश कुमार का कहना है कि कुएं को उपयोग में लाने के लिए सरकारी स्तर पर काम करवाया जाएगा ताकि कुएं को प्रसिद्धि मिल जाए. हालांकि इस कुं से जुड़ी किंवदंतियों को लेकर विशेषज्ञों का कहना कुछ और है.
स्थानीय डॉक्टर सुजीत कुमार के मुताबिक घेंघा रोग के साथ अन्य बी’मारियां भी इस कुएं का पानी पीने से ठीक हो जाती थीं, ये बातें यहां कही सुनी जाती हैं, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई जांच-पड़ताल या रिसर्च नहीं हुई है. फिर भी इस कुएं को स्थानीय लोग तो ‘डॉक्टर कुएं’ के नाम से ही जानते और पुकारते हैं.
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