विधवा विवाह को लेकर समाज की धारणा आज भी बदलती नजर नहीं आ रही. ताजा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर का है, जहां एक विधवा ने जब अपने पड़ोस में रहने वाले युवक के साथ घर बसा लिया तो पंचायत ने तुगलकी फरमान सुना दिया. पंचायत ने दोनों को गांव से बाहर जाने का आदेश दे दिया.
मामला देवरिया थाना क्षेत्र के चांद केबाड़ी पंचायत का है. यहां वार्ड 15 की आंगनबाड़ी सेविका अनुराधा कुमारी ने गांव के ही धर्मेंद्र से कुछ दिन पहले शादी कर ली. इसके बाद स्थानीय लोग उग्र हो गए और अब उसे गांव निकाला का आदेश दे दिया गया है.
पीड़िता अनुराधा कुमारी ने बताया कि उसकी शादी 2015 में हुई थी, लेकिन पिछले साल बीमारी की वजह से उसके पति की मृ’त्यु हो गई. पति के जाने के बाद वो गांव के ही युवक धर्मेंद्र के सहयोग से आंगनबाड़ी में काम कर रही थी. इस बीच लोग धर्मेंद्र और उसे लेकर ताने कसने लगे. समाज के तानों से परेशान होकर उसने युवक से शादी कर ली. अनुराधा ने बताया कि शादी करने की वजह भी यह थी कि कोई उन दोनों को लेकर अपशब्द ना कहे, लेकिन अब मामला उल्टा हो गया है.
अनुराधा और धर्मेंद्र को लगा था कि शादी करने के बाद सब ठीक हो जाएगा, लेकिन गांव के लोगों को ये शादी रास नहीं आई. पंचायत बैठाकर दोनों को गांव छोड़कर जाने का फरमान सुना दिया गया. बीती 17 जुलाई को गांव के पंचों ने पंचायत बैठाई. पंचों ने निर्णय लेते हुए दोनों को 25 जुलाई तक गांव छोड़ देने का आदेश दिया.
अनुराधा व धर्मेंद्र ने बुधवार को बताया कि टोला निवासी व शिक्षक जयराम साह के नेतृत्व में पंचायत बैठाई गई थी. पंचायत ने गांव नहीं छोड़ने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी भी दी है.
एसडीएम बोले-मामला गंभीर है, जांच के बाद कार्रवाई
नवविवाहित अनुराधा और धर्मेंद्र ने बताया कि उन्होंने एसएसपी और डीएम को आवेदन देकर न्याय के साथ सुरक्षा की गुहार लगाई है. वहीं पंच व शिक्षक जयराम ने बताया कि यह सामाजिक कुरितियां है. दोनों को सबक मिलना जरूरी है.
वहीं थानाध्यक्ष उदय कुमार सिंह ने बताया कि दोनों बालिग हैं. गांव छोड़ने का पंचों द्वारा दिया गया आदेश कानूनन अपराध है. मामले की जांच कर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी. एसडीएम पश्चिमी ब्रजेश कुमार ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है.
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