मुंगेर में गंगा के जलस्तर में लगातार एक सप्ताह से हो रहे वृद्धि के कारण निचले इलाका तथा दियारा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गयी है। जिले के सदर अनुमंडल और बरियारपुर अनुमंडल के करीब 2 दर्जन पंचायतों के गांव पास बाढ़ का पानी पहुंच चुका है।
बाढ़ के कारण ग्रामीण अब सुरक्षित और ऊंचे स्थानों पर पलायन करने लगे हैं। केंद्रीय जल आयोग से मिली जानकारी के अनुसार मुंगेर में गंगा का जलस्तर 38.33 मीटर जो की वार्निंग लेवल है। उसे पार कर चुका है। खतरे के निशान 39.33 मीटर से मात्र गंगा एक मीटर नीचे बह रही है।
सदर प्रखंड के जाफरनगर, कुतलूपुर, टिकारामपुर, तारापुर दियारा, नौवागढ़ी उत्तरी, बरियारपुर, जमालपुर और धरहरा प्रखंड की हेमजापुर पंचायत की गंगा किनारे इलाके में कटाव हो रहा है। यहां बता दें कि जिले के चार प्रखंड धरहरा, जमालपुर, सदर और बरियारपुर बाढ़ प्रभावित रहता है। चार प्रखंडों की कुल 28 पंचायतों बाढ़ का कहर दिखता है।
दियारे इलाके के कई गांवों में कटाव भी शुरू हो गया है। वर्ष 2021 में जिले ने गंगा ने खूब तबाही मचाई थी। जलस्तर में वृद्धि होने के साथ ही कुतलुपुर पंचायत के बहादुरनगर वार्ड संख्या 17, 18 के बाद अब वार्ड संख्या 03 में कटाव विकराल रूप ले चुका है जहां तेजी से कटाव आरंभ हो गया है।
सदर प्रखंड के तौफिर एवं टिका रामपुर गांव में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। इतना ही नहीं मुंगेर से मिर्जाचौकी के बीच जो फोर लाइन सड़क का जो निर्माण कार्य चल रहा है।
निचले इलाके में पानी का फैलाव होने के कारण बरियारपुर से घोरघट के बीच हो रहे निर्माण कार्य को भी बंद कर दिया गया है। जिस कारण अब जबतक बाढ़ रहेगी तबतक मुंगेर सिमा में पड़ने वाली फोरलेन कार्य बंद रहेगा। इधर जिला प्रशासन ने भी बाढ़ से निपटने के लिए पहले से कमर कस अपनी तैयारी पूरी कर रखी है।
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