बिहार के लखीसराय जिले में बारिश से किऊल नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इससे चानन और लखीसराय प्रखंड के कई इलाकों को शहर से सीधा कनेक्ट करने वाला अस्थाई पुल नदी में एक बार फिर से पानी में समाहित हो गया है। पिछले दो दिनों से इस पुल पर लोगों का आवागमन बाधित हो रहा है।
हालांकि अब भी लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर पुल से आवागमन कर रहे हैं। अनुमान के मुताबिक रोजाना इस पुल से करीब 20 हजार की संख्या में लोगों का आवागमन हो रहा है। करीब एक लाख की आबादी इससे सीधे तौर पर प्रभावित होती दिख रही है।
दरअसल, किऊल बरसाती नदी कही जाती है। हाल के दिनों में लगातार अलग-अलग जगहों पर हो रही बारिश का प्रभाव किऊल नदी में भी देखने को मिल रहा है। बारिश के कारण किऊल नदी का जलस्तर बढ़ गया है। नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण ही यह अस्थाई पुल फिलहाह डूब गया है। जब तक जलस्तर कम नहीं होता है और दोबारा से पुल की स्थिति का अवलोकन नहीं हो पाएगा, तब तक लोगों के आवागमन पर संशय बरकरार है।
साल 2020 में बाढ़ के पानी के कारण जलस्तर में वृद्धि हुई थी और लंबे समय तक किऊल नदी पर बना यह अस्थाई पुल बंद रहा था। उसके बाद पुल के शुरू होने से लोगों को राहत तो मिली, लेकिन एक बार फिर मई 2021 में भारी बारिश की वजह से पुल नदी में समाहित हो गया था।
हर रोज इस पुल से सदर प्रखंड के किऊल, वृंदावन, खगौर सहित चानन के कई इलाके के लोगों का शहर से आना-जाना होता है। सूखी नदी के कारण लोगों के लिए यह पुल बहुत खतरनाक भी नहीं था, इसलिए लोग बेफिक्र होकर आवागमन करते थे। पिछले दो दिनों से जब किऊल नदी में जलस्तर बढ़ने लगा, तो नदी ने इस पुल को अपने आंचल में छिपा लिया है।
40 गांवों के लोगों की बढ़ी मुश्किल
सदर प्रखंड के करीब आधा दर्जन गांव और चानन प्रखंड के जो 35 गांव प्रभावित हुए हैं, वहां की आबादी तकरीबन 50 से 55 हजार है। वहीं सदर प्रखंड के हिस्से में तकरीबन 10 हजार की आबादी को अब बाजार पहुंचने के लिए मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। ये लोग लखीसराय में चिकित्सकीय कार्य, बाजार के काम, मजदूरी, दुकानदारी सहित अन्य कार्यों के लिए यहां हैं।
वैकल्पिक रास्ता नहीं है बेहतर
चानन की बड़ी आबादी सहित किऊल के लोगों के लिए जिला मुख्यालय पहुंचने का वैकल्पिक रास्ता बेहतर नहीं है। यहां के लोग फिलहाल किऊल-लखीसराय रेलवे पुल का सहारा ले रहे हैं। इस पुल पर पैदल यात्रियों के लिए सफर करना तो ठीक है, लेकिन कई ऐसे लोग हैं जो साइकिल से चलने के साथ-साथ साइकिल पर सामान रखकर भी रेलवे पुल को क्रॉस कर रहे हैं। रेल पुल पर लोगों के पैदल चलने के लिए बना रास्ता संकरा है, जिससे साइकिल या फिर अन्य वाहनों से गुजरना खतरनाक है। आए दिन इससे दुर्घटनाएं हो रही हैं।
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