पुलिस ने खून के काले का’रोबार का खुलासा किया है। कार्रवाई में धं’धेबाज, ला’इनर व एक नशे’ड़ी युवक को पकड़ा है। एक पैकेट ब्लड भी जब्त किया है। पुलिस को खून के अवैध कारोबार की सूचना मिली थी।
पुलिस को सूचना मिली कि उत्तर पाली स्थित बेथल मिशन स्कूल के समीप खून की डिलेवरी होने वाली है। पुलिस ने यहां रुस्तम नामक युवक को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने बताया कि खून लेकर एक युवक आ रहा है।
जिसके बाद टीम जंगल में इंतजार करने लगी। जैसे ही युवक मो. शहनवाज वहां पहुंचा, टीम ने उसे भी दबोच लिया। गाड़ी की डिक्की से ब्लड का पैकेट मिला।
पूछताछ में बताया कि एक युवक चूड़ीपट्टी का निवासी है। वो एक क्लीनिक में कंपाउंडर है। वह तीन हजार रुपए में खून लेकर मरीज के परिजनों को उपलब्ध कराता है। उसे भी टीम ने चूड़ीपट्टी से धर दबोचा।
तीनों ने पूछताछ में कबूल किया कि वे ऐसे लोगों को टारगेट करते हैं जो स्मैक का सेवन करते हैं। गरीब तबके का हो। जिसे रुपए की सख्त जरूरत हो। जो नशे की पूर्ति के लिए अपना खून तक बेच देते हैं। ऐसे युवक को रुपए का प्रलोभन देकर जंगल या सुनसान जगह पर खून निकाला जाता था।
शराबबंदी के बाद खून बेच नशा कर रहे युवा
बिहार में शराबबंदी के बाद स्मैक जैसे नशे की गिरफ्त में फंसे युवा खून बेचकर नशा करते हैं। दिनों दिन यह खेल पूरे शहर में जोरशोर से होने लगा। हालांकि इस खेल की भनक पुलिस को देर से हुई। सूचना मिलने के बाद टाउन थानाध्यक्ष ने एसपी को मामले की जानकारी दी। जिसके बाद ऑपरेशन रक्त के तहत कार्रवाई करते हुए भंडाफोड़ किया।
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