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मुजफ्फरपुर: 29 साल बाद सौतेली बहन की ह’त्या का आरो’पी गिर’फ्तार, जिं’दा ज’लाकर ह’त्या करने का मामला

मुजफ्फरपुर जिले के काजीमोहम्मदपुर थाने की पुलिस ने पूर्वी चंपारण के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर से मनोज यादव को 29 साल बाद गिर’फ्तार किया है। उसकी गिर’फ्तारी सौतेली बहन चंदा देवी की ह’त्या के आ’रोप में हुई है।

पुलिस हिरासत में हत्या का आरोपी। - Dainik Bhaskar

उस पर चंदा को काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के चौधराइन गली स्थित किराये के मकान में रहने के दौरान जिंदा जलाकर हत्या करने को लेकर 28 मार्च 1993 को केस दर्ज किया गया था़। केस तत्कालीन थानेदार इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार के बयान पर दर्ज है।

फिलहाल मामले में चार आरोपित मो. अब्दुल रब, मोहन पासवान, रामनरेश राम और मो. खुर्शीद के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल है। वहीं मनोज, उसके पिता विश्वनाथ राय सहित चार फरार हो गये थे।

उनमें से मनोज यादव को पुलिस की विशेष टीम ने पूर्वी चंपारण के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर स्थित आवास से दबोचा है। उसे गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जायेगा। वहीं अन्य फरार तीन आरोपितों के खिलाफ आगे की कानूनी प्रक्रिया में जुट गयी है। इसकी पुष्टि काजी मोहम्मदपुर थाने के थानेदार दिगंबर कुमार ने की है।

लैंडलाइन पर मिली थी सूचना

काजीमोहम्मदपुर थाने में दर्ज FIR में तत्कालीन थानेदार मिथिलेश कुमार ने अपने स्वलिखित बयान में बताया है कि वे थाने पर थे। इसी दौरान थाने के लैंडलाइन पर एक कॉल आया। बताया कि नया टोला चौधराइन गली में कुछ लोग एक महिला को जिंदा जला कर मार डाला है। अब उसके शव को ठिकाना लगाने की फिराक में हैं।

सूचना पर थानेदार मौके पर पहुंचे। देखा कि एक घर के सामने दो रिक्शा लगा है। उसके पास एक-एक व्यक्ति खड़ा था। एक रिक्शा पर चादर में लपेटा हुआ एक लंबा सामान रखा हुआ था, जिसकी जांच करने के बाद महिला का शव निकला। इस बीच वहां से चार लोग भागने लगे। लेकिन, पुलिस ने उन चारों में से तीन अब्दुल रब, मोहन पासवान और राम नरेश को दबोच लिया। लेकिन मनोज यादव मौके से भागने में सफल रहा।बताया जाता है कि संपत्ति विवाद को लेकर बहन को जला कर मार दिया था।

पुलिस एक बार भी नहीं गयी आरोपित के घर

पुलिस सूत्रों की मानें तो मनोज सहित अन्य के फरार होने के बावजूद काजीमोहम्मदपुर पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी को पूर्वी चंपारण नहीं गयी और न ही आरोपित मनोज यादव ने मामले में कोर्ट से जमानत लिया। जिस वक्त चंदा की हत्या हुई थी, उस वक्त मनोज यादव करीब 21 वर्ष का था। हाल में इस केस की समीक्षा SSP जयंतकांत ने की। उन्होंने फौरन IO को कार्रवाई का निर्देश दिया। तब जाकर पुलिस सक्रिय हुई और फरार आरोपी की गिरफ्तारी हो सकी।

 

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