बिहार की राजधानी पटना में पुलिस ने ऐसे दो शा’तिरों को गिर’फ्तार किया है जो कम उम्र के बच्चों से महावीर मंदिर में दर्शन-पूजन करने परिवार के साथ आ रहे छोटे बच्चों के गले से हनुमानी व सोने की लॉकेट क’टवाते थे। इसके एवज में शा’तिर बच्चों को लॉलीपॉप, चाउमीन खिलाते थे और उन्हें एक लॉकेट के बदले 500 रुपये कमीशन दिया करते थे।
गिरोह में ऐसे दस नाबालिग बच्चों के शामिल होने की जानकारी शातिरों ने पुलिस को दी है। उनके कब्जे से महावीर मंदिर में दर्शन करने आए बच्चों के गले से काटी गई 10 हनुमानी व लॉकेट बरामद हुआ है।
पकड़े गए आरोपितों में संतोष कुमार घोड़ापारण, थाना लक्ष्मीपुर जमुई व अजय द्विवेदी बिद्दूपुर वैशाली का रहनेवाला है। ये दोनों पत्रकारनगर में किराये पर कमरा लेकर रहते थे। केस दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया गया है।
कोतवाली प्रभारी ने बताया कि गिरोह में ज्यादातर बच्चे नाबालिग हैं। ये सभी झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे खानाबदोशों के बच्चे हैं। लॉकेट व हनुमानी काटने का इन्हें शातिरों द्वारा बाकायदा प्रशिक्षण दिया गया है। पूछताछ में दोनों शातिरों ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी है।
यह भी बताया है कि पिछले पांच माह से उनका यह गिरोह महावीर मंदिर के पास सक्रिय था। अबतक गिरोह के द्वारा करीब तीन दर्जन से अधिक हनुमानी काटी गई है।
कोतवाली प्रभारी ने बताया कि जिन सुनारों को हनुमानी व लॉकेट बेची गई है, वे वैशाली, जुमई व पटना के रहनेवाले हैं। जल्द ही ये सुनार भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
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