पटना के राजीव नगर इलाके में स्थित नेपाली नगर में नए निर्माण कार्य पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने मकान मालिकों को प्रशासन द्वारा तोड़े गए मकानों की मरम्मत करने की छूट भी दे दी है। उच्च अदालत ने कहा कि नए घरों का निर्माण करने वालों पर राज्य सरकार और आवास बोर्ड कानूनी कार्रवाई करे।
पटना हाईकोर्ट में मंगलवार को राजीव नगर अतिक्रमण मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने नए निर्माम में लगे मजदूरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के बजाय भूमाफिया के खिलाफ केस दर्ज कर एक्शन लेने की बात कही।
अदालत ने कहा कि पकड़े गए मजदूरों को थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया जाए। वो महज पैसा कमाने के लिए वहां काम कर रहे थे। इसके बजाय पुलिस-प्रशासन असली भूमाफिया को पकड़े, जिन्होंने वहां अवैध निर्माण कराए।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकील के बीच तीखी बहस हुई। बुलडोजर एक्शन के खिलाफ आवेदन करने वाले पक्ष के वकील ने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही सबकुछ है। वहीं, राज्य सरकार के वकील ललित किशोर ने कहा कि जिस योजना को लेकर आवेदक राहत पाना चाहते हैं, वह उनके द्वारा ही बनाई गई है।
आवेदकों की ओर से वकील बसंत चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार, जिला प्रशासन और हाउसिंग बोर्ड को नेपाली नगर में बसे घरों को तोड़ने का अधिकार नहीं है। आवास बोर्ड ने जिस जमीन का अधिग्रहण किया था, उसकी वैधता को अदालत में चुनौती दी गई। मगर इस बीच राजीव नगर में तेजी से निर्माण होता चला गया।
हाईकोर्ट ने आवास बोर्ड से पूछा कि आखिरी आवासीय कॉलोनी कब बनाई गई। बीते 30 सालों में कहां-कहां कॉलोनी बनाई गई, इसका जानकारी अदालत में दी जाए। कोर्ट ने गृह निर्माण समितियों के पदाधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करने पर सवाल उठाए।
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